नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की नजरबंदी हटा दी गई है. पिछले साल 4 अगस्त से वो नजरबंद थे. अब्दुल्ला करीब साढ़े सात महीने से नजरबंद थे. 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद से घाटी में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए वहां के स्थानीय नेताओं को नजरबंद कर लिया गया था. इनमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन सहित कई नेता शामिल थे.
पिछले महीने फरवरी में जम्मू कश्मीर पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला से भी नजरबंदी हटा ली गई थी. लेकिन बाद में इन दोनों पर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था. ये दोनों नेता जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद छह महीने तक नजरबंद थे. लगा दिया.
पिछले साल अक्टूबर में फारूक अब्दुल्ला की बेटी साफिया और बहन सुरैया को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था. ये दोनों आर्टिकल 370 हटाने का विरोध कर रही थीं. हालांकि बाद में इन्हें रिहा कर दिया गया था.
पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के हिरासत में रखे जाने के नजरबंदी पर कहा था कि इन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों कि रिहाई के लिए वो खुद प्रार्थना कर रहे हैं. सिंह ने उम्मीद जताई थी कि रिहा होने के बाद तीनों पूर्व सीएम, कश्मीर के हालात को सामान्य बनाने और विकास करने में योगदान देंगे.