नईदिल्ली। अयोध्या फैसले खिलाफ इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की। पीएफआई ने अपनी याचिका में कहा है कि वो भले ही मुख्य मामले में पक्षकार नहीं था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उसका हित प्रभावित हुआ है। याचिका में क्यूरेटिव याचिका पर खुली अदालत में बहस की मांग की है। याचिका में मांग की गई कि सुप्रीम कोर्ट अपने 9 नवंबर 2018 के आदेश पर रोक लगाए जिसमें कोर्ट ने विवादित जमीन का फैसला रामलला के हक में किया था। ये दूसरी क्यूरेटिव याचिका राम जन्मभूमि मामले में दाखिल की गई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश की पीस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने तत्कालीन मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में अपना फैसला देते हुए अयोध्या की विवादित जमीन रामलला को देने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ 19 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गयी थी। उच्चतम न्यायालय ने गत 12 दिसंबर को सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किया था।
अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिये किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने के आदेश दिए थे। राज्य की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने गत पांच फरवरी को अयोध्या जिले के सोहावल इलाके में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का फैसला किया था। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष फारूकी ने राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये दी गई जमीन लेने के मुद्दे पर कहा था कि वह इसे लेने से इनकार नहीं कर सकते मगर यह बोर्ड पर निर्भर करता है कि वह उस भूमि पर मस्जिद बनाये या नहीं।