मथुरा । उड़त गुलाल लाल भये बदरा…गुलाल, रंग, प्रेम और श्रद्धा का ऐसा संगम कि हर कोई कान्हा के गांव में होली की मस्ती में मस्त होकर झूम उठा। बरसाना की हुरियारिनों ने हुरियारों पर लाठियों की बरसात शुरू की तो मयूरी थिरकन पर लाठियों के प्रहार को अपनी ठाल पर सेहते हुए हुरियारे ब्रज की होली के वास्तविक आनंद से श्रद्धालुओं को सराबोर कर रहे थे। बुधवार को लठमार होली खेलने के लिए नंदगांव से हुरियारे राधारानी के गांव बरसाना पहुंचे। यहां पहले से ही हाथों में प्रेमपगी लाठियां लिए सजी-धजी हुरियारिनें ने उनके साथ जमकर होली खेली। लठमार होली को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु बरसाना आए हैं। मान्यता है कि बरसाना में कन्हैया अपनी मित्र मंडली के साथ होली खेलने जाते थे। वो राधा व उनकी सखियों से हंसी ठिठोली करते थे तो राधा व उनकी सखियां नन्दलाल और उनकी टोली पर प्रेम भरी लाठियां बरसाती थीं। यह होली बहुत ही शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि बरसाने की महिलाओं की लाठी जिसके सिर पर छू जाए, वो सौभाग्यशाली माना जाता है।