सुप्रीम कोर्ट ने किया 10 मंत्रालयों पर 5 लाख का जुर्माना

खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने में लापरवाही
नई दिल्ली।
खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने में हुई लापरवाही को लेकर सुप्रीम कोर्ट सरकार के मंत्रालयों से नाराज है। सुप्रीम कोर्ट ने विधि और न्याय मंत्रालय, महिला और कल्याण, समाजिक न्याय और अधिकारिता, ग्रामीण विकास सहित 10 केंद्रीय मंत्रालयों पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बेघर और खानाबदोश लोगों को राशन कार्ड मुहैया कराने और बिना आधार कार्ड वाले लोगों के लिए सामूहिक रसोई और खाद्य सुरक्षा कानून लागू करने को कहा था। ताकि सामाजिक और आर्थित तौर पर हाशिये पर रहे इन लोगों को खाद्य सुरक्षा की मजबूती मिल सके, लेकिन इन मंत्रालयों ने इससे जुड़े कदमों को उठाने पर कोई जवाब नहीं दिया। इस मामले में अधिकतर राज्यों ने कोई हलफनामा नहीं दिया है। कोर्ट राज्य सरकारों और मंत्रालयों की इस ढिठाई से खासा नाराज दिखा. इसी वजह से जुर्माना लगाया गया है। जुर्माने की राशि को कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराने को कहा गया है। भारत सरकार ने 10 सितम्बर 2013 को ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013Ó लागू किया है। इस अधिनियम के तहत देश की दो तिहाई आबादी को पीडीएस के माध्यम से सस्ती दर पर अनाज पाने का कानूनी हक प्राप्त है। हालांकि अगर मंत्रालय 24 घण्टे में यानी कल 12 बजे से पहले तक हलफनामा कोर्ट की रजिस्ट्री में दाखिल कर देते हैं तो उन्हें जुर्माने की राशि में चार लाख रुपये की छूट मिलेगी। यानी कि उन्हें एक एक लाख रुपये ही अर्थदण्ड भरना होगा।

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