कोरोना वायरस से अब तक 636 लोगों की मौत, 31 हजार चपेट में

बीजिंग। चीन में महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस अब तक 636 लोगों को मौत की नींद सुला चुका है। साथ ही 31, 161 लोग इसकी गिरफ्त में हैं। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने यह जानकारी शुक्रवार को यहां दी।
आयोग के प्रवक्ता ने कहा है कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत और उसकी प्रांतीय राजधानी वुहान में गुरुवार को 73 और लोगों की मौत हो गई। जिलिन, हेनन, ग्वांगडोंग और हैनान प्रांत में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई। जांच में 3,143 और लोग इसके संक्रमण से घिरे मिले हैं। कोरोना वायरस की चपेट में आए मामलों की कुल संख्या 31,161 हो गई है। चीन के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार तक देश में रह रहे 19 विदेशी नागरिकों के कोरोना वायरस की चपेट में आने की पुष्टि हुई।
उधर, कोरोना वायरस को लेकर भारत ने सख्ती बरतते हुए दुनिया के किसी भी कोने से भारत आने वाले चीनी नागरिकों को 5 फरवरी से पहले जारी हो चुके वीजा के अमल पर रोक लगा दी है। इसमें नियमित (स्टीकर) और ई-वीजा शामिल है। हालांकि, हांगकांग, मकाऊ और ताइवान के चीनी पासपोर्टधारकों को रियायत दी गई है।
इस बीच चीन के ऑनलाइन न्यूज पोर्टल ने दावा किया है कोरोना वायरस से चीन में 24, 589 लोगों की मौत हो चुकी है। इस पोर्टल ने चीनी कंपनी टेनसेंट के हवाले से यह रिपोर्ट जारी की है। उधर, हांगकांग में एक व्यक्ति की मौत सहित कुल 22 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा जापान में 45, सिंगापुर में 28, थाईलैंड में 25, दक्षिण कोरिया में 23, ऑस्ट्रेलिया-मलेशिया में 14-14, जर्मनी-ताइवान में 13-13, अमेरिका में 12, वियतनाम में 10, फ्रांस में 6, संयुक्त अरब अमीरात में 5, कनाडा में 4 और भारत, ब्रिटेन, फिलीपींस में तीन-तीन, रूस और इटली में दो-दो मरीजों में कोरोना वायरस का संक्रमण मिला है। बेल्जियम, नेपाल, श्रीलंका, स्वीडन, स्पेन, कंबोडिया और फिनलैंड में एक-एक मामला सामने आया है।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा है कि कोरोना वायरस से प्रभावित चीन के हुबेई प्रांत से 647 भारतीयों को निकाला जा चुका है। 10 भारतीय स्वास्थ्य जांच न पास कर पाने के कारण नहीं आ सके। हम चीन के संपर्क में हैं और इन नागरिकों के जल्द स्वस्थ होकर सुरक्षित वापसी के हरसंभव उपाय पर विचार कर रहे हैं। पुरानी एडवाइजरी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, भारतीयों को चीन यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा, वुहान और आसपास इलाकों से लाए गए भारतीयों में बीमारी का कोई लक्षण नहीं मिला है।
वहीं, चीन में फंसे पाकिस्तानी छात्र के मदद मांगने के वायरल वीडियो पर कुमार ने कहा, पाकिस्तानी सरकार से ऐसा अनुरोध नहीं मिला है। अगर ऐसी स्थिति होती है तो उपलब्ध संसाधनों को ध्यान में रखते हुए हम इस पर विचार कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि भारत ने मालदीव के सात नागरिकों चीन से निकाला है।
उधर, चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बारे में सबसे पहले आगाह करने वाले डॉक्टर ली वेनलियांग अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत नाजुक है। इससे पहले चीनी मीडिया ने जानकारी दी थी कि उनकी मौत हो चुकी है। वुहान सेंट्रल अस्पताल ने अपने आधिकारिक वीबो अकाउंट पर लिखा है कि ली वेनलियांग गंभीर रूप से बीमार हैं।

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