तुलसी का स्वास्थ्य के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है. कई लोग रोगों से बचने के लिए तुलसी की चाय पीना पसंद करते हैं. लेकिन, इस चक्कर में वे कई बड़ी गलतियां कर बैठते है. जिसके कारण वास्तु दोष के शिकार हो जाते है. दरअसल, तुलसी का सेवन तो प्रतिदिन करना सही है लेकिन, कुछ दिन इसके पत्तों को तोड़ना हिंदू धर्म में वर्जित माना गया है.
ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रहण, एकादशी, संक्रांति, द्वादशी व शाम के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. इसके अलावा रविवार को भी विशेष तौर पर तुलसी तोड़ने की मनाही रहती है. ऐसा करने वालों से तुलसी माता नाराज होती हैं और घर में निर्धनता का वास होता है. एकादशी पर मां तुलसी खुद भी व्रत पर रहती हैं. ऐसे में इस दिन तोड़ने की भूल न करें. आपको बता दें कि कुछ लोग इसे मंगलवार को भी तोड़ने से परहेज करते हैं.
कैसे तोड़ें तुलसी के पत्ते
- बिना नहाए तुलसी पत्ते न तोड़ें, मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से पूजा स्वीकार नहीं होता.
- तुलसी की पत्तियां नाखून से खींचकर नहीं तोड़ना चाहिए
- तुलसी की पत्तियों को चबाने से परहेज करें, जीभ में रखकर चूसना सही तरीका है.
- आपको बता दें कि शास्त्रों में तुलसी मां को राधा रानी का अवतार माना गया है. शाम के समय ये लीला करती हैं. यही कारण है कि शाम में तुलसी पत्ते तोड़ने की मनाही होती है.
- यदि तुलसी पत्तियों की बहुत जरूरत पड़ जाए तो तोड़ने से पहले पौधे को हिलाना न भूलें
कहां रखें तुलसी के पौधे
- तुलसी के पौधे को घर की छत पर नहीं रखें. इससे आर्थिक या धन हानि होने की संभावना होती है.
- तुलसी के पौधे को यदि छत पर रखते है तो घर के उत्तर दिशा में चीटियां निकलनी शुरू हो जाएंगी. साथ ही साथ घर के उत्तर दिशा में दरारें भी पड़ सकती है
- यदि आपके तुलसी के पौधे में चिड़िया या कबूतर घोंसला बना लेता है तो बुरे केतु की निशानी भी माना जाता है.
- दक्षिण दिशा में तुलसा जी को भूल कर भी न रखें, इससे वास्तु दोष का खतरा ज्यादा होता है.