महासमुंद। सिरपुर की ऐतिहासिकता को लेकर देश-विदेश में हमेशा चर्चा होती है। पिछले कुछ दिनों से यहां उत्खनन का कार्य चल रहा था, इसी दौरान मंदिर के ढांचे को 7वीं-8वीं शताब्दी का मंदिर और भगवान शिव की मूर्ति का अवशेष मिला रहा है। पुरातत्व विभाग की टीम ने इस प्रशिक्षण के लिए वैज्ञानिकों से संपर्क साधा है और प्रशिक्षण के बाद यह पता लग सकता है कि मंदिर और मूर्ति कितने साल पुरानी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व रायपुर के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। वर्तमान में खुदाई का दौर जारी है और भी महत्वपूर्ण जानकारियां मंदिर के संबंध में मिलने की संभावना है। डॉ. नित्या नंद एएसए और हेमंत मीणा, करबी साहा, एएसआई रायपुर सर्कल की देखरेख में वैज्ञानिक परीक्षण कर मंदिर को संरक्षित किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक जो मंदिर और मूर्ति मिला है वह 7वीं से 8वीं शताब्दी के आस-पास के होने की जानकारी मिली है। इसमें टूटी हुई नंदी की प्रतिमा, शिव मंदिर की मूर्तियां और दीवार, नंदी का चबूतरा, मूर्तिकला के साथ दरवाजा, चौखट और मूर्तियों के टूटे हुए हिस्से साइट पर पाए गए हैं। इसके अलावा एक ही परिसर में एक टीला भी एएसआई द्वारा संरक्षित है। संरक्षण सहायक हेमंत मीणा ने बताया कि मंदिर के अवशेषों के संबंध में अभी कुछ भी विस्तृत रूप से नहीं कहा जा सकता है। ऐसा लग रहा है कि 7 वीं से 8 वीं शताब्दी के आस-पास के हों, लेकिन यह वैज्ञानिक परीक्षण के बाद ही ज्ञात होगा। जो स्थल मिले हैं, उसे संरक्षित करने के लिए प्रयास जारी हैं और भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं।