भू-माफियाओं पर नकेल कसने प्रशासन व नगर निगम हुआ सक्रिय

  • डूंडा में शीघ्र होगी कार्रवाई, कई चेहरे होंगे बेनकाब

रायपुर। राजधानी में अवैध प्लॉटिंग थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां तक कि शहर के मास्टर प्लान में शासकीय प्रयोजनों के लिए आरक्षित भूमि पर भी धड़ल्ले से प्लाटिंग हो रही है और ग्राहकों को चूना लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि डूंडा में खसरा नम्बर 430 जिसका रकबा चार एकड़ 60 डिसमिस है वहां धड़ल्ले से अवैध प्लॉटिंग हो रही है। इस खसरे को 430/1 से लेकर 430/11 तक बांट दिया गया। गौर करने वाली बात उक्त भूमि मास्टर प्लान 2031 में सड़क मार्ग के लिए प्रस्तावित है। इतना ही पिछले मास्टर प्लान में भी यह जगह मार्ग के लिये आरक्षित थी।

उक्त भूमि की जमीन करोबारी शैलेन्द्र साहू और एक एजेंट मोनू साहू द्वारा 1600 रुपया वर्ग फीट में बेचने की सौदेबाजी की जा रही है। इस खसरे से सटी हुई जमीन को इन जमीन कारोबारियों द्वारा अवैध प्लॉटिंग कर पहले ही बेचा जा चुका है। यहां की बाकी बची ज़मीनों को भी बेचने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। इसके अलावा खसरा नम्बर 430 जो इनका नया प्रोजेक्ट होना बताया जा रहा है, उसकी बाउंड्री वाल तोड़कर दोनों प्रोजेक्ट्स को जोड़ा जा रहा है और ग्राहकों को अंधेरे में रखकर बेचने की कोशिश जारी है। उक्त भूमि शासकीय रिकॉर्ड में सागर और स्वप्निल अग्रवाल के नाम दर्ज है। खबर है कि उक्त भूमि का शैलेन्द्र साहू और अग्रवाल बन्धु के बीच जमीन बेचकर पैसा देने की डील हुई है। फिलहाल कुछ टोकन मनी देकर जमीन बेचने का काम दलाल कर रहे हैं। इस मामले में दो-तीन और नाम भी सामने आ रहे हैं। जल्द ही उनका भी खुलासा होगा।

इस बीच जिला प्रशासन और नगर निगम के आला अधिकारी इस मामले को लेकर गंभीर हैं एवं बड़ी कार्रवाई का निर्देश दे चुके हैं। वहीं ग्राम एवं नगर निवेश विभाग भी जानकारी जुटा रहा है। कुछ जनप्रतिनिधियों ने रेरा में भी शिकायत करने की तैयारी की है ताकि भू-माफियाओं के इस बड़े गिरोह का फंडाफोड़ हो सके। निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी और कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने भी इस मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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