पटना। हाईकोर्ट ने ने स्टेट एंप्लॉयमेंट कमेटी और मैनेजिंग कमिटी मानिसना वेज बोर्ड, बिहार के अध्यक्ष के वेतन निर्धारण के मामले में जुर्माना लगाया है। राज्य सरकार की तरफ से स्पष्ट जवाब नहीं दिए जाने पर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार पर दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जस्टिस पी वी बजंत्री की खंडपीठ ने विजय कुमार सिंह की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता स्टेट एंप्लॉयमेंट कमेटी के साथ-साथ मैनेजिंग कमेटी मनीसना वेज बोर्ड बिहार के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में स्टेट एंप्लॉयमेंट कमेटी के चेयरमैन के वेतन और भत्ते के लिए पहले एक याचिका दायर की थी।
बिहार सरकार पर 10 लाख रुपयों का जुर्माना
पटना हाईकोर्ट ने इसके लिए बिहार सरकार पर 10 लाख रुपयों का जुर्माना लगाया है। अदालत ने सरकार को दो हफ्तों में ये रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करने का निर्देश दिया है। उधर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपील का विरोध करते हुए कहा कि अपीलकर्ता की नियुक्ति विशुद्ध रूप से ‘मानदेय’ के आधार पर की गई थी क्योंकि वह साथ-साथ राज्य की रोजगार समिति के अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा था। मामले की तह में जाते हुए, डिवीजन बेंच ने राज्य को संबंधित कानून/नियम दिखाने के लिए कहा, जिसके आधार पर अपीलकर्ता को उक्त निगरानी समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। राज्य के श्रम विभाग के उन अधिकारियों ने ऐसा कोई कानूनी आधार प्रस्तुत नहीं किया, जिन्हें अदालत ने तलब भी किया था। इसी दौरान सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर जुर्माना लगाया।