रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पुलिस लाईन में आयोजित पुलिस जवानों के नववर्ष मिलन समारोह में बस्तर अंचल के अंदरूनी क्षेत्रों में डयूटी पर तैनात जवानों के जज्बे की सराहना की। अनेक चुनौतियों के बावजूद हमारे जवान अपने दायित्वों का बखूबी निवर्हन कर रहे हैं। आम जनता का उनपर विश्वास बढ़ा है। यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान दन्तेश्वरी फाइटर्स की सदस्य सुश्री सुनैना पटेल ने बताया कि वे विगत 3 वर्षों से इस नववर्ष मिलन समारोह में शामिल होने रायपुर आ रही हैं। दन्तेश्वरी फाइटर्स की सदस्य संख्या 30 से बढ़कर 60 हो गई है। वे पुरूष जवानों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर नक्सल गश्त, नक्सल मोर्चे संभालने और कैम्प खोलने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय लोग ज्यादातर महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और सड़क के लिए मिलने आते हैं। कामलूरू तथा अंदरूनी क्षेत्रों में राशन दुकान, एम्बुलेंस, स्वास्थ्य केंद्र और पुलिस सहायता केंद्र की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री बघेल के आग्रह पर उन्होंने हल्बी बोली में संवाद भी किया। जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें हल्बी बोली में ही खूबे-खूबे धन्यवाद कहा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आग्रह पर एक जवान ने छत्तीसगढ़ के लोकर्प्रिय गीतकार लक्ष्मण मस्तुरिया का गीत मै छत्तीसगढि?ा हंव रे गा कर सुनाया। एस.टी.एफ के जवान ने बताया कि उन्होंने 05 कैम्प के निर्माण में सुरक्षा कार्य का प्रतिनिधित्व किया है। सभी जगह स्थानीय लोगों से कैम्प के प्रति सकारात्मक रिस्पॉन्स मिल रहा है, लोग कैम्प बनाने पर जोर दे रहे हैं। इसका प्रमुख कारण है कि हम कैम्प से सड़क का निर्माण, स्कूलों का पुन:निर्माण, अपने पास उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं के अलावा स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से इलाज मुहैया करा रहे हैं।
सुदूर दुर्गम क्षेत्र में कैम्प खुलने से नक्सली घटनाओं में आई कमी
कोंडागांव जिले से आए डी.आर.जी के ए.एस.आई ने बताया कि पहले वे नक्सली गतिविधियों में शामिल थे। छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत वे डी.आर.जी में शामिल हुए। मुख्यमंत्री बघेल के द्वार पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पहले जंगल में भटकना पड़ता था पर अब खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। सुदूर दुर्गम क्षेत्र में कैम्प खुल जाने से नक्सली घटनाओं में कमी आई है। डी.आर.जी की महिला सदस्य सुश्री पूनम यादव ने बताया कि वे सुकमा जिले के पोटमपल्ली और पलाईगुड़ा कैम्प के निर्माण में सहयोगी रही। उन्होंने बताया कि कैम्प निर्माण के शुरूआती दौर में स्थानीय लोगों ने पहले विरोध किया। परन्तु अब वहां बैरक, शौचालय, फैन्सिंग, लाइट और सड़क निर्माण जैसे कार्य होने से लोगों का भय कम होने लगा है।
सड़क काटने कीे वारदातों में आई कमी
बीजापुर में पदस्थ डी.आर.जी के जवान राम लाल नेताम ने बताया कि इटेपाल और पुसनार में कैम्प खोले गए हैं। अब नक्सलियों द्वारा सड़क काटे जाने के वारदातों में कमी आई है। सीआरपीएफ की सुश्री जॉनसी जाना ने बताया कि राज्य में सीआरपीएफ को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। जिसके निर्वहन के लिए उन्हें राज्य की पुलिस से भरपूर सहायता मिलती है। अब रोड कनेक्टिविटी और कैम्प में सुविधाएं बढ़ गई है। जिससे पुलिस पर स्थानीय लोगों का भरोसा बढ़ा है। बीएसएफ के जवान प्रशांत चतुवेर्दी ने बताया कि वे विगत 02 वर्षाे से रावघाट परियोजना की सुरक्षा में तैनात है। स्थानीय लोगों का पहले की अपेक्षा सपोर्ट और विश्वास जवानों के प्रति बढ़ा है। नक्सली छवि के विपरीत अब राज्य के प्रति बाहरी लोगों का नजरिया भी सकारात्मक हुआ है। आईटीबीपी के जवान राजेश लुथरा ने राज्य के पुलिस बल और पुलिस अधीक्षकों द्वारा मिलने वाले सहयोग की सराहना की। उन्होंने एडीजी विवेकानन्द सिन्हा को धन्यवाद देते हुए कहा कि सिन्हा हमारी सभी जरूरतों एवं शिकायतों के समाधान के लिए हमेशा उपस्थित होते है। और 48 घण्टों के भीतर ही उनका निराकरण भी करते हैं।
गांवों में लगा रहे हैं योग शिविर
सीमा सुरक्षा बल के जवान ने कहा कि उनकी टीम जनआकाक्षाओं के अनुरूप लोकतांत्रिक गरिमा को पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अंतागढ़ जैसे सुदूर क्षेत्र में रेल्वे प्रचालन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। जिला पुलिस बल के प्रधान आरक्षक नरसिंग रूपेन्द्र वर्मा ने बताया कि उनका कार्य कैम्प में लोगों का प्राथमिक उपचार करना है। वे गांव में शिविर लगाकर बच्चे, बूढ़े और महिलाओं को योग और अन्य खेलों के लिए प्रशिक्षित करते है। सरगुजा की अनुपमा कपूर ने बताया कि बलरामपुर में दूरस्थ भूताही और पुतांग के बीच सड़क निर्माण से गांव वाले बहुत प्रसन्न है। वहां पुलिस के जवान और ग्रामीणों ने घर-घर झण्डा अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और सबसे ऊंची चोटी गौरलाटा में भी झण्डा फहराया। वे लोगों को ”हमर बेटी हमर मान” योजना के प्रति जागरूक भी कर रही है। एसडीआरएफ के जवान जागेश्वर धीवर ने बताया कि राज्य में आपात स्थिति से निपटने के लिए 60 टीम तैनात है। आपके मार्गदर्शन में देश के सबसे लम्बे 100 घण्टे से अधिक समय तक चले राहुल रेस्क्यू में भी हमारी टीम ने पूरी तत्परता के साथ कार्य किया हमने बाढ़ और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए 1200 आपदा मित्रों को भी प्रशिक्षित किया। मुख्यमंत्री ने उनके कार्यो की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। दिनेश कुमार मंडावी और श्रीमती मालती वर्मा ने भी अपनी बात रखी।