पत्रकार विवेक चौबे हत्याकांड का पर्दाफाश, 4 आरोपी गिरफ्तार

कवर्धा। पत्रकार विवेक चौबे 12 नवम्बर 2022 को बोक्करखार सरपंच से मिलने उसके गांव कुंणपानी गए थे. इसके बाद से वह गायब हो गए. 16 नवम्बर को पत्रकार के परिजन और दोस्तों ने सिटी कोतवाली में विवेक चौबे की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मृतक की आखिरी मोबाइल लोकेशन की जांच की तो सुकवापारा में मिली लेकिन विवेक को आखिरी बार कुंणपानी में देखा गया था।
कैसे पकड़ा गया आरोपी: पुलिस ने दोनों ही लोकेशन पर तलाश की लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा. पुलिस ने पत्रकार से जुड़ी पुराने मामले की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया तो बोक्करखार सरपंच से जुड़े बहुत से मामले समाने आऐ. सरपंच अमित यादव शक के घेरे में आया. संदिग्ध सरपंच और उसके दोस्तों से पुलिस ने बार बार पूछताछ किया लेकिन आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया।
जंगल में मिला कंकाल: आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक के मोबाइल से उसके संबंधितों को भी फोन किया ताकि पुलिस को उलझाया जा सके. पुलिस की जांच का एक महीना पूरा हो चुका था. तब पुलिस को पत्रकार के साथ अनहोनी होने का शक गहराने लगा. आखिरी लोकेशन गांव के आसपास के जंगलों में सर्चिंग की गई तो पुलिस को राख का ढेर नजर आया. यहां कुछ नर कंकाल के अवशेष बरामद किए गए।
कड़ी पूछताछ के बाद कबूला जुर्म: पुलिस ने जब हड्डियों की मेडिकल जांच कराई गई तो वह हड्डी विवेक चौबे की ही पाई गई. पुलिस ने फिर से संदिग्ध आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की. सरपंच अमित यादव ने अपने भाई सुखसागर यादव और 2 दोस्त नन्दलाल मरावी और जगदीश धुर्वे के साथ मिलकर हत्या करना कुबूल कर लिया. क्या था हत्या का कारण: आरोपी अमित ने पुलिस को बयान दिया कि “मृतक विवेक चौबे और सरपंच अमित यादव के बीच पैसे का लेन देन था. सरपंच ने मृतक को एक कोरा चेक दिया हुआ था। मृतक ने पैसा लेने के बाद भी चेक लगा दिया और भी पैसे की मांग करने लगा. घटना के दिन भी मृतक सरपंच के घर कुंणपानी पैसा लेने आया हुआ था. पैसा लेकर दोनों ने शराब पी और मृतक जाने लगा तो सरपंच ने उसे नशे की हालत और अंधेरे में घर ना जाने की सलाह दी।
विवाद के बाद हत्या: मृतक ने सरपंच अमित से उसकी पत्नी के बारे में अश्लील बाते की तो सरपंच को गुस्सा आ गया और पहले मुक्के से फिर पास में रखे डंडे से हमला कर दिया, जिससे विवेक की मौके पर ही मौत हो गई. फिर पकड़े जाने के डर से सरपंच ने अपने भाई सुखसागर और दो दोस्तों की मदद से लाश को जंगल में ले जाकर जला दिया. बाइक को तीन हिस्से में अलग अलग कर दफन कर दिया। एसपी लाल उमेंद सिंह ने बताया कि “हमने विवेक के चार हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है और आरोपियों की निशादेही पर मृतक के शरीर की हड्डी और बाइक बरामद किया है. इसके आवाला हत्याकांड मामले में इस्तेमाल सामग्री भी जब्त की गई है. चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस कस्टडी में रखा गया है ताकि आरोपियों से और भी कुछ जानकारियां ली जा सके।

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