कोरबा। जिले की दस ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल का बुधवार को एसईसीएल की अंडर ग्राउंड खदानों में ब्यापक असर देखने को मिला, अंडर ग्राउंड खदानों में अधिकांश कर्मचारियों के हड़ताल में रहने से कोयला उत्पादन और डिस्पैच ठप रहा वही ओपनकास्ट कोयला खदानों में हड़ताल का आंशिक असर रहा। कुसमुंडा , गेवरा , दीपका ,गेवरा की खदानों में कोयला उत्पादन का बेअसर रही।देशके दस ट्रेड यूनियनों के 8 जनवरी को प्रस्तावित हड़ताल का अद्योगिक नगरी कोयला कोरबा में कोयला कर्मचारी हड़ताल पर रहे।इस हड़ताल का ब्यापक असर एसईसीएल कोरबा एरिया के अंर्तगत अंडर ग्राउंड कोल माइंस रजगामार , बलगी , सुरकछार , बगदेवा, ढेलवाडीह, सिंघली में ब्यापक रहा। इन खदानों में कोयला उत्पादन और डिस्पैच ठप रहा। हड़ताल में इंटक , एचएमएस ,एटक सीटू के प्रतिनिधियों ने हड़ताल में रहकर उत्पादन और डिस्पेच को रोका।एसईसीएल मानिकपुर ओपन कास्ट माइंस में हड़ताल से कोयला उत्पादन काम प्रभावित रही।मानिकपुर खदान में हड़ताली ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि दीपेश मिश्रा(एटक) ,विकास सिंह (इंटक)मोहन प्रधान (सीटू) कोयला उत्पादन और दिसपॉच रोकने में सफल रहे। गेवरा, कुसमुंडा और दीपका खदान में हड़ताल का आंशिक असर रहा।इन खदानों में 50 फीसदी कर्मचारी हड़ताल पर रहे।। बाउजूद इसके कोयला उत्पादन और डिस्पेच प्रभवित नही हुई। गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदान में डंपर सावेल ऑपरेटर सीधे कोयला उत्पादन से जुड़े है।ज्यादातर ऑपरेटर ड्यूटी पर रहे।इसी तरह कोयला डिस्पेच का कार्य आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी किया जाता है। लिहाजा ककयल डिस्पेच प्रभावित नही हुई।बालको में उपस्थिति अधिक रहीभारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको)के विभागीय कर्मचारी हड़ताल के समर्थन में शामिल रहे।हड़ताली कर्मचारी बालको गेट के समक्ष प्रदर्शन कर नारेबाजी करते रहे।बालको सयंत्र में रात्रि पाली में कार्यरत कर्मचारियों को बुधवार सुबह पाली के लिये कार्य कराया गया।इससे बालको का एलुमिनियम व विद्युत उत्पादन प्रभावित कम रही।विद्युत सयंत्र में बेअसर ट्रेड यूनियन की हड़ताल एनटीपीसी , छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के विभिन्न पावर प्लांटो में हड़ताल का असर देखने को नही मिला। एनटीपीसी के कोरबा पावर प्लांट को गेवरा खदान से और एनटीपीसी सीपत प्लांट को दीपक खदान से कोयला साइलो के माध्यम से भेजा गया। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी की हसदेव ताप विद्युत सयंत्र को एसईसीएल कुसमुंडा खदान से कन्वेयर बेल्ट से कोयला भेजा गया। कोरबा पूर्व ताप विद्युत सयंत्र और मड़वा पॉवर प्लांट को एसईसीएल मानिकपुर खदान से कोयला नही मिल पाई। हड़ताल का असर कुल मिलाकर मिला जुला रहा। एसईसीएल भूमिगत रजगामार , सुराकझार, बलगी , बगदेवा , सिंघाली , ढेलवाडीह खदानों में हड़ताड़ का व्यापक असर पड़ा ।
मेगा कोल प्रोजेक्ट गेवरा , कुसमुण्डा , दीपका में आंशिक असर रहा।इस्तीफा अटकनो के बीच छत्तीसगढ़ राज्य विघुत उत्पादन कंपनी के एम डी राजेश वर्मा का आज से तीन दिवसीय दौरा ।गेट मीटिंग व प्रदर्शन हुई छत्तीसगढ़ विघुत कंपनी के छत्तीसगढ़ राज्य विघुत अभियंता संघ , इंटक , जनता यूनियन छत्तीसगढ़ राज्य विघुत कर्मचारी संघ फेडरेशन 01 ने संयुक्त रूप से मुख्यालय गेट के समझ प्रदर्शन किया । हड़तालियों ने बिजली अधिनियम संसोधन और विघुत कंपनी के विखंडन का विरोध किया । इस आंदोलन में अभियंता संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पांडेय , इंटक के नेता इकबाल सिंह , जनता यूनियन के साईद , अनिल त्रिवेदी , फेडरेशन के आर सी चेट्टी भी शामिल हुए ।ये रही मांग 0 ठेका कर्मियों को नियमित किया जाए ।0 सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश का विरोध ।0 मजदूर विरोधी नए लेबर और महंगाई का विरोध ।0 फिक्स टर्म पर रोक लगाई जाए ।वर्सन छत्तीसगढ़ प्रदेश में हड़ताड़ प्रभावी रही है । केंद्र सरकार को अपनी नीति में बदलाव करें तो बेहतर होगा । अन्यथा मेहनतकश मजदूर , किसान आंदोलन जारी रखेंगे ।- हरिनाथ सिंह , प्रांतीय महासचिव एटकवर्सनकेंद्र सरकार की विनिवेश नीति कोयला उघोग के लिए घातक है । कोल इंडिया की शेयर मनमानी बेची गई है । कोयला मजदूरों ने हड़ताड़ को सफल बनाकर सरकार को जवाब दिया
-कोरबा से हरीश तिवारी की रिपोर्ट-