जयपुर। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के अचानक आक्रामक होने से कांग्रेस पार्टी में भूचाल आ गया है। गहलोत के इन आक्रामक तेवरों ने कांग्रेस नेतृत्व को भी भौंचक्का कर दिया है, लेकिन प्रदेश की सियासत पार्टी के लिए बेकाबू न हो जाए इसके मद्देनजर पार्टी ने मामले को ठंडा करने की भी कोशिश शुरू कर दी है। पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा है कि विवाद का ऐसा समाधान निकाला जाएगा। जिससे कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी। जयराम रमेश के बयान को डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा जा रहा है।
गहलोत ने बोला था पायलट पर सियासी हमला
बता दें, गुरुवार को सीएम गहलोत ने सचिन पायलट जमकर जुबानी हमला बोला था। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले नरम दिल वाले सीएम गहलोत का अचानक आक्रामक हो जाने से पार्टी के बड़े नेता असहज महसूस कर रहे हैं। चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान मल्लिकार्जुन खड़गे भी नाराज बताए जा रहे हैं। जयराम रमेश ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि अशोक गहलोत एक वरिष्ठ और अनुभवी राजनीतिक नेता हैं। उन्होंने अपने छोटे सहयोगी सचिन पायलट के साथ जो भी मतभेद व्यक्त किए हैं। उन्हें इस तरह से सुलझाया जाएगा जिससे कांग्रेस पार्टी मजबूत हो। अभी यह प्रत्येक कांग्रेसजनों का कर्तव्य है कि अब तक बेहद सफल भारत जोड़ो यात्रा को उत्तर भारतीय राज्यों में और ज्यादा कामयाब बनाएं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर के पहले सप्तान में राजस्थान में प्रवेश करेगी। करीब 18 दिन राजस्थान में रहेगी।
नेतृत्व परिवर्तन का जोखिम नहीं उठाएगी पार्टी
राजनीति विश्लेषक जयराम रमेश के बयान के अलग-अलग सियासी मायने निकाल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी गहलोत को सीएम पद से नहीं हटाएगी। सचिन पायलट को इंतजार करने के लिए कहा जा सकता है। क्योंकि राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में है, ऐसे में समय बहुत ज्यादा नहीं बचा है। कांग्रेस के रणनीतिकारों के सामने पंजाब का उदाहरम सामने है। पंजाब में चुनाव से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर कांग्रेस ने जो दांव खेला था, उससे पार्टी को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा था। ऐसे में शायद ही कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन का जोखिम उठाए। पायलट समर्थक लगातार राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे है। इस बीच सीएम गहलोत ने अचानक पायलट पर फायरिंग कर सियासी मैसेजे दे दिया है।