बेमेतरा। जर्मनी की बहुप्रचलित बहुराष्ट्रीय कम्पनी ए.एल.डी.आई. ग्रुप के अनुसंधान समूह की महिला श्रीमती जाना क्रिस्टेल स्टेम ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों से टिकाऊ एवं पर्यावरण के अनुकुल प्राप्त प्राकृतिक रेशा से निर्मित धागे, कपड़े एवं रेशा से निर्मित अन्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों का प्रचलन अपने राष्ट्र में प्राकृतिक प्ररिधान को अपनाने की परिकल्पनाओं के साथ छत्तीसगढ़ राज्य के बेमेतरा जिले के गौठान ग्राम राखी में भ्रमण के दौरान केला तना रेशा निष्कासन इकाई के उन्नति महिला केला तना रेशा उत्पादक समिति की महिलाओं से भेंट मुलाकात कर इस क्षेत्र में केला तना रेशा से निर्मित की जाने वाली विभिन्न उत्पादों की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर उत्पादों की सराहना की एवं इसे हम सभी को अपने दैनिक जीवन में आवश्यकतानुसार उपयोग करने की बात को जोर देते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में किए जा रहे इस अनुठे पहल की सराहना की।
कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक डॉ. रंजीत सिंह राजपूत एवं डॉ. जितेन्द्र जोशी के माध्यम से श्रीमति जाना ने महिलाओं से बातचीत कर सभी के साथ अपना कार्य अनुभव साझा किया। साथ ही कृषि अपशिष्ट से उत्पादित विभिन्न सामग्रियों के उपयोग से वर्तमान की महत्वपूर्ण समस्याएं जैसे-ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन इत्यादि के प्रभाव को कम करने में कैसे सहायक हो सकती है इस पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होने बताया कि उनके क्षेत्र में पालीस्टर, सींथेटिक इत्यादि के कपड़ों का इस्तेमाल अत्यधिक किया जा रहा है जिसमें कुछ मात्रा में कपास को मिलाकर सींथेटिक कपड़ों का निर्माण किया जा रहा है।
इन्होने भविष्य में भरोसा जताया है कि ग्रुप निश्चित ही छत्तीसगढ़ राज्य में प्राकृतिक रेशा के इस क्षेत्र में काम करना चाहेंगे और अपनी बात वह जर्मनी की ए.एल.डी.आई. ग्रुप को समझायेंगी। इस अवलोकन एवं भ्रमण के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक डॉ. एकता ताम्रकार के द्वारा केले की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई एवं केला फसल अवशेष की उपयोगिता बताई गई साथ ही श्री तोषण कुमार ठाकुर ने हस्तनिर्मित विभिन्न प्रकार के केला तना रेशा से बने पेपर बनाने की तकनीक एवं इनके विभिन्न उत्पादों के विपणन की जानकारी दी। डॉ. चेतना बंजारे व डॉ. प्रज्ञा पाण्डेय के द्वारा हस्तशिल्प एवं हथकरघा से निर्मित विभिन्न उत्पाद एवं केला तना की व्यवस्था की जाने की जानकारी दी गई। भ्रमण के दौरान ग्राम गौठान राखी की स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ ग्राम पंचायत राखी के सरपंच एवं पंचगण भी उपस्थित रहे।
श्रीमति जाना क्रिस्टेली स्टेम ने इंदिरा गांधी कृषि विष्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति, डॉ. गिरीष चंदेल, निदेशक विस्तार सेवायें, डॉ. अजय वर्मा से भी मुलाकात किये एवं इस क्षेत्र में अनुबंध, विपणन इत्यादि विषय पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा से भी भेंट मुलाकात कर छत्तीसगढ़ राज्य की प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धताएं एवं प्राकृतिक रेशा की महत्ता व इनकी बहुतायत उपलब्धता की जानकारी ली गई।