भोपाल
देशभर के पशु चिकित्सा महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए वेटरनरी काउंसिल आफ इंडिया (वीसीआई) बड़ा परिवर्तन करने जा रही है।एलोपैथी मेडिकल कालेजों की तरह इन कॉलेजों में भी शिक्षक (फैकल्टी) और विद्यार्थियों के लिए बॉयोमेट्रिक डिवाइस से डिजिटल उपस्थिति अनिवार्य की जाएगी।
कॉलेज आने के साथ ही जाते समय भी उपस्थिति दर्ज करनी होगी, जिससे यह पता चल सके कोई समय से पहले तो नहीं जा रहा है।
सभी कॉलेजों में बाॅयोमेट्रिक उपस्थिति व्यवस्था को सेंट्रल सर्वर से जोड़ा जाएगा, जिससे वीसीआई के अधिकारी हर कॉलेज की निगरानी कर सकेंगे। देशभर में निजी-सरकारी मिलाकर 75 कॉलेज और 17 यूनिवर्सिटी हैं। जहां यह व्यवस्था इसी सत्र से प्रभावी होगी।
गड़बड़ी रोकने के लिए उठाया कदम
काउंसिल के अधिकारियों ने बताया कि काउंसिल को शिकायतें मिल रही थीं कि निजी कॉलेज निरीक्षण के दौरान दिखाने के लिए फैकल्टी की उपस्थित दर्शाते हैं। इसी तरह से सरकारी कॉलेजों में भी यह देखने को मिल रहा था कि जब निरीक्षण के लिए वीसीआई की टीम को आना होता है तो उसके पहले कुछ चिकित्सा शिक्षकों एक से दूसरे काॅलेज में स्थानांतरित कर दिया जाता है। इस तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है।
डिजिटल उपस्थिति से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। काॅलेजों से संबद्ध अस्पतालों में भी उपचार की स्थितियां बेहतर होंगी। हर दिन का डैशबोर्ड बनेगा, जिससे प्रत्येक कॉलेज की स्थिति सामने आएगी। कई कॉलेजों में फैकल्टी के समय पर नहीं आने-जाने की शिकायतें मिल रही थीं, इसलिए यह व्यवस्था आवश्यक थी।
-डा. उमेश चंद्र शर्मा, अध्यक्ष, वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया