भोपाल
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी की शिकायत के आधार पर कुछ अधिकारियों समेत 13 आरोपियों के खिलाफ दावे के निराकरण के दौरान धोखाधड़ी की घटनाओं के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज वैधानिक कार्रवाई प्रारंभ की है। इस सिलसिले में आज ही सीबीआई ने इंदौर, जबलपुर और सतना जिलों में संबंधितों के खिलाफ छापे की कार्रवाई की। सीबीआई की ओर से मुहैया करायी गयी।
सीबीआई ने धोखाधड़ी वाले बीमा दावों के आरोपों पर ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के वरिष्ठ संभागीय प्रबंधक और विकास अधिकारी तथा एक एजेंट, सर्वेक्षक, अन्वेषक और विभिन्न निजी फर्मों के आठ मालिकों सहित 13 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया और तलाशी ली।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसी लिमिटेड) के क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 13 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें ओआईसी लिमिटेड, संभागीय कार्यालय, सतना (एमपी) के वरिष्ठ संभागीय प्रबंधक और विकास अधिकारी और एक एजेंट, इंदौर स्थित एक सर्वेक्षक और हानि निर्धारक, एक अन्वेषक और सतना (एमपी) स्थित निजी फर्मों के आठ मालिकों सहित 11 निजी व्यक्ति शामिल हैं। यह आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2022 के दौरान, आरोपी व्यक्तियों ने आपस में एक आपराधिक साजिश रची और इसके अनुसरण में, फर्मों के मालिकों ने दूसरों के साथ मिलीभगत करके ओआईसी लिमिटेड, सतना से धोखाधड़ी से बीमा राशि का दावा किया और इस तरह ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 4 करोड़ रुपये (लगभग) का गलत नुकसान पहुंचाया और खुद को भी इसी तरह का गलत लाभ पहुंचाया।
बीमा राशि को लेकर की धोखाधड़ी
सीबीआई के मुताबिक शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 07 फर्मों (तेंदू पत्ता व्यापारी फर्मों) के आरोपी मालिकों ने मई 2022 में 14 पॉलिसियों के तहत ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, सतना से तेंदू पत्ते (बीड़ी पत्ते) के स्टॉक का बीमा कराया था और स्टॉक को सतना जिले के ग्राम अहिरगांव में एक गोदाम में रखा गया था, जो कथित तौर पर आग से जल गया था। कथित तौर पर गोदाम में बिजली का कनेक्शन नहीं था और कथित आग मानव निर्मित थी। यह भी आरोप लगाया गया था कि इस संबंध में स्थानीय पुलिस की एफआईआर और पंचनामा को सर्वेक्षक, अन्वेषक और ओआईसी लिमिटेड के अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया था। कथित तौर पर 07 फर्मों ने चार्टर्ड एकाउंटेंट की मदद से फुलाए हुए क्लोजिंग स्टॉक के लिए फर्जी ट्रेडिंग खाते तैयार किए, जिन्हें सर्वेक्षक, अन्वेषक और ओआईसी लिमिटेड के अधिकारियों ने सत्यापित नहीं किया यह भी आरोप लगाया गया कि मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा तेंदू पत्ते मेसर्स पी.सी. ट्रेडिंग कंपनी (व्यापारिक फर्मों को तेंदू पत्तों के कथित आपूर्तिकर्ता) को बेचे गए थे, न कि अन्य 07 आरोपी फर्मों को।
सीबीआई ने मध्य प्रदेश के इंदौर, सतना और जबलपुर में आरोपितों के आवासीय और आधिकारिक परिसरों सहित तीन स्थानों की तलाशी ली, जिससे कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। सीबीआई ने आज यह जानकारी दी।
इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
सीबीआई ने जिन आरोपितों के नाम एफआईआर में दर्ज किया है, उसमें ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड सतना डिवीजनल आफिस के वरिष्ठ डिवीजनल मैनेजर आरसी पार्टरी, डेवलपमेंट आफिसर विजय कुमार मोंगिया, एजेंट श्रीचंद अग्रवाल, विजय कुमार मोंगिया, सर्वेयर एवं हानि निर्धारक सुनील गर्ग, अन्वेषक ब्रजेश कुमार यादव, ट्रेडिंग कंपनी के प्रोप्राइटर चंद्रबली दहिया, सुनील कुमार पांडेय, अनिल कुमार, साजन वर्मा, प्रशांत पांडेय, दीपक कुमार पांडेय, रामानंद द्विवेदी, फक्कड़ चमरकर का नाम शामिल है।
यह भी आरोप लगाया गया कि आरोपी विकास अधिकारी ने दावा राशि को वापस ले लिया।वरिष्ठ मंडल प्रबंधक के वित्तीय अधिकार के अंतर्गत, 07 बीमा पॉलिसी को विभाजित करके ओआईसी लिमिटेड के नियमों और विनियमों के विरुद्ध 14 पॉलिसियाँ (07 फर्मों में से प्रत्येक के लिए दो पॉलिसियाँ) जिससे उच्च न्यायालय का संदर्भ लिए बिना दावों को मंजूरी देने के लिए अनुकूल परिस्थितियां निर्मित हुईं।इसके बाद, फर्मों ने 14 बीमा पॉलिसियों में 14 दावे दायर किए, जो ओआईसी लिमिटेड, सतना से निपटाया गया। साजिश के तहत आरोपी वरिष्ठ मंडल प्रबंधक ने कथित तौर पर सर्व करवाया संबंधित आरोपियों द्वारा की गई जांच में 14 सर्वेक्षण रिपोर्ट और 14 शिकायतें प्रस्तुत की गईं।आग दुर्घटना में हुए नुकसान को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके जांच रिपोर्ट तैयार करना। कथित आरोपों के आधार पर सर्वेक्षण रिपोर्ट/जांच रिपोर्ट को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप वरिष्ठ मंडल प्रबंधक पर लगाया गया है, जो धोखाधड़ी से इन फर्मों के पक्ष में दावों का निपटारा किया गया।
सीबीआई ने मारे छापे
सीबीआई द्वारा आज 03 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है, जिनमें शामिल हैंमध्य प्रदेश के इंदौर, सतना और जबलपुर में आरोपियों के आवासीय और कार्यालय परिसर में छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए। जांच जारी है।