गृहणी बनीं लखपति बिजनेस वुमन

भोपाल

एक साधारण गृहणी, बिजनेस में ऐसे रम गई कि अब लोग उन्हें लखपति बिजनेस वुमन के रूप में जानते हैं। घर की चहार दीवारी ही उसका संसार था। दुनियादारी से बहुत ज्यादा सरोकारभी न था। हम भले-हमारा घर भला। पति के गुजर जाने के बाद बस यही दुनिया थी उनकी। पर अब ऐसा नहीं है।

बात हो रही है देवास जिले के चिड़ावद गाँव की कल्याणी श्रीमती भावना शिवहरे की। आर्थिक तंगहाली से उबरने का मन बनाकर भावना अपनी किस्मत को बदलने का संकल्प लेकर गाँव के आजीविका मिशन के कृष्णा स्व-सहायता समूह की सदस्य बन गयीं। भावना की किस्मत बदलने लगी। अपने परिवार की दस महिलाओं को जोड़कर उन्होंने एक समूह बनाया। समूह में भावना को सचिव बनाया गया। सभी महिलाओं ने सामूहिक अनुशासन दिखाया, तो भावना को ग्रामीण आजीविका मिशन से ऋण मिल गया। पहला ऋण 50 हजार रूपये मिला, तो घर की जमा पूंजी लगाकर भावना ने पहले से चल रहे एक रेस्टारेन्ट में निवेश किया। रेस्टारेन्ट चलाने में भाई ने मदद की। फिर दूसरा ऋण 20 हजार रूपये मिला, तो भावना ने अपने रेस्टॉरेन्ट को और भी बेहतर बना लिया। इसके बाद 75 हजार रूपये तीसरे ऋण के रूप में मिले, तो उसने एक राशन की दुकान शुरू कर ली। राशन की दुकान से भावना की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने लगी।

भावना बताती हैं कि उसने आजीविका मिशन से बैंक सखी समूह की बारीकियां समझीं और कुछ प्रशिक्षण भी लिये हैं। उसे सरकार की सभी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के साथ भावना ने पीएम जनधन खाता खुलवाकर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में अपना बीमा भी करवाया है।

स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद आजीविका मिशन से मिली राशन दुकान से भावना को करीब 10 हजार रुपये मासिक आय हो रही है। भाई की मदद से चल रहे रेस्टोरेन्ट से उन्हें महीने के 20 हजार रुपये मिल रहे हैं। भावना अब बकरी पालन व्यवसाय भी करना चाहती हैं, ताकि आर्थिक रूप से वह और मजबूत हो सके। साल में एक लाख रूपये से भी ज्यादा कमाने वाली भावना अब बेहद खुश हैं। वह उन जैसी अनेक महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन के लिये कई स्व-रोजगार योजनाएं चलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बार-बार आभार जताती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *