उत्तरी भारत में शीत लहर
नईदिल्ली। पिछले हफ्ते पहाड़ों में हुई लगातार भारी बर्फबारी और मैदानी राज्यों में बारिश के साथ ओलों ने पूरे भारत को कंपा दिया है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और यूपी के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान व अन्य राज्यों में भी हाड़ कंपाने वाली हवाएं चल रही हैं। हालांकि, पिछले दिनों के मुकाबले इनमें कुछ कमी आई है लेकिन अभी जल्द इससे पूरी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। राजधानी दिल्ली में तो ठंड ने पिछले 22 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
अधिकतम तापमान 1997 के बाद सबसे नीचे 12.2 डिग्री सेल्सियस रहा। 1997 में यह 11.3 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। पश्चिमी हिमालय से बहने वाली सर्द हवाओं ने दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में पारे को लुढक़ा दिया है। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत यूपी का अधिकांश मैदानी इलाका ऐसी ही ठंड की चपेट में रहे। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि पूरे उत्तर भारत में बुधवार को भी ऐसे ही हालात बने रहेंगे। हालांकि बृहस्पतिवार से तापमान बढऩे की उम्मीद है।
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र से आ रही सर्द हवाओं ने पूरे इलाके को जद में ले रखा है। उत्तर भारत में तडक़े छाया घना कोहरा दिन चढऩे के साथ वातावरण में निचले स्तर के बादल (लो क्लाउड) में तब्दील हो गया। इससे सूरज की किरणें धरती पर नहीं पहुंच सकीं। इसका सीधा असर तापमान में गिरावट के तौर पर सामने आया।
दिल्ली-एनसीआर में ठंड गंभीर स्तर पर है। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व चंडीगढ़ का मौसम सर्द है। इन राज्यों के कुछ इलाकों में ठंड का प्रकोप ज्यादा है। बुधवार को भी सर्द हवाएं पूरे उत्तर भारत को कंपकंपाएंगी। बृहस्पतिवार को तापमान बढऩे से दिल्ली-एनसीआर के साथ हरियाणा व पंजाब में ठंड कुछ कम होगी। हालांकि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में ठंडक बनी रहेगी।
मौसम विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में तापमान .7 डिग्री सेल्सियस लुढक़ गया। मंगलवार को यह 1997 के बाद सबसे ठंडा दिन रहा। मौसम विभाग के दर्ज इतिहास में दो बार अधिकतम तापमान इससे नीचे गया गया है। 1997 व 1973 की 28 दिसंबर को तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस गया था।