लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की मंगलवार को हंगामेदार शुरुआत हुई। सदन की कार्यवाही सुचारु व व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के सभी दलों के नेताओं से सहयोग के आग्रह को दरकिनार कर विपक्षी नेताओं खासकर सपा के नेताओं ने दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया। सपा के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर बेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। इस कारण विधान परिषद में कार्यवाही स्थगितत भी करनी पड़ी। इसी हो-हल्ला के बीच योगी सरकार ने विधानमंडल दोनों सदनों में चालू वित्तीय वर्ष के लिए दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। दूसरे अनुपूरक बजट का आकार 4210.85 करोड़ रुपये है ।
महिलाओं और कमजोर वर्ग के प्रति अपराधों में बेतहाशा वृद्धि, महंगाई, ध्वस्त कानून व्यवस्था, किसानों की समस्याओं के अलावा नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा उठाते हुए सपा के विधायकों ने सदन के बाहर और भीतर जमकर हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के कारण विधान परिषद की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सपा सदस्यों ने फिर नागरिकता संशोधन विधेयक, कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे मुद्दों पर नारेबाजी शुरू कर दी। अधिष्ठाता ओम प्रकाश शर्मा ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12.20 बजे तक स्थगित कर दी है। इस दौरान सदन में बसपा और कांग्रेस के विधायकों ने भी सरकार का विरोध किया, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से। वे न वेल में गए और न धरना दिया।