जामिया हिंसा मामले में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 गिरफ्तार

गिरफ्तार लोगों में एक भी स्टूडेंट नहीं
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर रविवार शाम राजधानी दिल्ली के जामिया नगर और आसपास के इलाके में भड़की हिंसक मामले में दिल्ली पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। खास बात ये है कि गिरफ्तार लोगों में एक भी स्टूडेंट नहीं है। पुलिस के मुताबिक सभी गिरफ्तार आरोपी क्रिमिनल बैकग्राउंड के हैं। गिरफ्तार 10 लोगों में से 3 लोग इलाके के बीसी (बैड कैरेक्टर) घोषित अपराधी हैं।
इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। पहला मामला न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में और दूसरा मामला जामिया नगर थाने में दर्ज किया गया है। इसमें दंगा फैलाने, आगजनी करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की धाराएं लगाई गई हैं। रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में प्रदर्शनकारियों ने जमकर तांडव मचाया था। बसों तथा अन्य गाड़ियों को फूंक दिया। इतना ही नहीं, आग बुझाने आई दमकल की 4 गाड़ियों में से भी एक को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके अलावा कई अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई थी। इस हिंसा में पुलिस के 30 और दमकल के 2 कर्मचारी सहित 32 लोग, जबकि प्रदर्शनकारियों में 40 से ज्यादा लोगों सहित कुल 70 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।
हालांकि सोमवार को ही संवाददाता सम्मेलन कर दिल्ली पुलिस के पीआरओ मंदीप सिंह रंधावा ने यह साफ किया कि था छात्र परेशान न हों और वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें। पुलिस सिर्फ दोषियों के खिलाफ ही कार्रवाई करेगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी साफ किया था कि इस प्रदर्शन में सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि इलाके के क्रिमिनल बैकगाउंड के कुछ लोकल बदमाश भी शामिल हो गए थे, जिसके बाद प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया था। हमारे पास आगजनी, मारपीट व पत्थरबाजी करने की घटनाओं को लेकर कई वीडियो आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्राइम बांच पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। छात्रों व अन्य लोगों की तरफ से जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, उनकी पूरी बारीकी से जांच की जा रही है।

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