नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के विस्तार पर विचार कर रही है। नए लाभार्थियों के लिए इसे मामूली प्रीमियम पर पेश करने की योजना बना रही है। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने 2018 में इस योजना को लॉन्च किया था। इसके तहत 10.74 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, ”इसके जरिए हम उन सभी लोगों को लाभ पहुंचाने में सक्षम होंगे जिन्हें इसकी आवश्यकता है। इसे मामूली प्रिमियम पर लोगों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।” उन्होंने कहा, ”देश के मध्यम आय वाले वर्ग, जो कि न तो अमीर है और न ही गरीब है, पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कवर करने पर विचार किया जा रहा है।”
आपको बता दें कि यह योजना वर्तमान में गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को कवर करती है। अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम वर्तमान में लगभग 1200 से 1300 रुपये के हैं। केंद्र और राज्य सरकारें 60:40 के अनुपात में इसका खर्चा उठाती है।
उन्होंने कहा, ”देश में ऐसे लोग हैं जो प्रति वर्ष 1,00,000 कमाते हैं। ऐसे भी लोग हैं जो 10,00,000 रुपये सालाना कमाते हैं। यदि आप बारीकी से देखें, तो बाद वाला अधिक कमा सकता है, लेकिन वह सभी मेडिकल खर्चों को वहन करने में सक्षम नहीं हो सकता है। इसलिए हमें लाभार्थियों की सूची का विस्तार करने की जरूरत है। इस योजना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।”
वर्तमान में, देश भर में करीब 28,000 अस्पताल केंद्र की इस योजना का हिस्सा हैं। अधिकारी ने कहा कि अपनी विस्तार योजनाओं के तहत सरकार ने पहले ही और अधिक निजी और सार्वजनिक अस्पतालों को पैनल में शामिल करना शुरू कर दिया है ताकि कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जा सके।
पीजीआई-चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक डॉ केके तलवार ने कहा, ”आबादी का एक बड़ा हिस्सा आयुष्मान भारत योजना के तहत नहीं आता है। उसके लिए प्राइवेट बीमा खरीदना आसान नहीं है। ऐसे में सरकार अगर उनके लिए योजना लाने के बारे में सोच रही है तो यह अच्छा कदम होगा।”