नागरिकता कानून के खिलाफ हावडा में बस को आग के हवाले किया

गुवाहाटी में कर्फ्यू में ढील
नईदिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है और हंगामे के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में भी प्रदर्शन होने लगे हैं। असम, त्रिपुरा में सेना तैनात है और कर्फ्यू भी लागू है।
पश्चिम बंगाल के कई शहरों में विरोध के साथ हिंसक प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद के सागरदीघी इलाके में महिषासुर स्टेशन पर तोडफ़ोड़ कर दी है। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी और अमित शाह के पुतले भी जला दिए हैं। इसके अलावा हावड़ा में प्रदर्शनकारियों ने हाइवे को बंद कर दिया। इस दौरान उनकी पुलिस के बीच झड़प हो गई है। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोडने लगे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कोना हाइवे पर एक सरकारी बस समेत कई प्राइवेट बसों में आग लगा दी।
गुवाहाटी में आज सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है, जबकि मोबाइल इंटरनेट और मैसेजिंग सेवा अभी भी बंद कर रखी है। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद गुरुवार शाम से ही इंटरनेट सेवा बंद कर रखा है। वहीं, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने 3 दिन के लिए सत्याग्रह का ऐलान किया। नगा स्टूडेंड्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने शनिवार को 6 घंटे के लिए बंद बुलाया है। असम में हजारों मुस्लिमों ने नागरिकता कानून के विरोध में शुक्रवार को रैली निकाली। वहीं, दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के 42 छात्रों को हिरासत में लिया।
पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखकर जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गुवाहाटी में अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली बैठक अभी के लिए रद्द कर दी गई है।
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार बताया कि जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे की प्रस्तावित भारत यात्रा के संदर्भ में दोनों पक्षों ने आम सहमति से फिलहाल यात्रा को टालने का निर्णय लिया है।
वहीं देश भर में अशांति का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम का असम, त्रिपुरा और दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया और पड़ोसी बांग्लादेश के साथ देश के संबंधों पर कानून को लेकर पडऩे वाले असर पर चिंता भी जताई है।
ममता बनर्जी ने भाजपा को छोडक़र सभी राजनीतिक दलों से देश भर में कानून के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने की अपील की है। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार पर इस मुद्दे पर सांप्रदायिक खेल खेलने का आरोप तक लगा दिया है।

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