भुवनेश्वर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शीर्ष बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत के वाले बयान पर सियासत गरमा गई है। भागवत के बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसपर निशाना साधा है। भागवत के भारत को हिंदू राष्ट्र बताने पर ओवैसी ने कहा कि भारत ना कभी हिंदू राष्ट्र था और ना ही कभी बनेगा।
ओवैसी ने रविवार को ट्वीट किया,’भागवत हिंदू नाम लिखकर यहां मेरा इतिहास मिटा नहीं सकते हैं। यह काम नहीं करेगा। वह यह नहीं कह सकते कि हमारी संस्कृति, श्रद्धा और पहचान हिंदुओं से जुड़ी हुई हैं। भारत ना कभी हिंदू राष्ट्र था, ना है और ना ही कभी बनेगा इंशाल्लाह।’
हिंदू एक संस्कृति का नाम है: भागवत
इससे पहले शनिवार को भुवनेश्वर में एक बुद्धजीवी सम्मेलन को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था, ‘हम हिंदुओं के देश हैं, हिंदू राष्ट्र हैं। हिंदू किसी पूजा का नाम नहीं, भाषा का नाम नहीं, किसी प्रांत प्रदेश का नाम नहीं। हिंदू एक संस्कृति का नाम है जो भारत में रहने वाली सबकी सांस्कृतिक विरासत है। वह संस्कृति एक वैशिष्टपूर्ण विविधता को स्वीकार और सम्मान करने वाली संस्कृति है और दुनिया में एकमात्र ऐसी संस्कृति है।’
‘भारत अकेला जहां यहूदियों को आश्रय मिला’
भागवत ने कहा कि यहूदी लोग मारे-मारे फिरते थे भारत अकेला है जहां यहूदियों को आश्रय मिला है। पारसियों की पूजा उनके मूल धर्म सहित सुरक्षित सिर्फ भारत में है।
Source: National