बीजापुर। सारकेगुड़ा कांड की न्यायिक जाँच रिपोर्ट के बाद ग्रामीणों का समुह हिमांशु कुमार और सोनी सोढी के नेतृत्व में बांसगुड़ा थाने पहुँचा था। थाने पहुंचे ग्रामीणों की माँग थी कि, तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह, तत्कालीन आईबी प्रमुख मुकेश गुप्ता, बस्तर रेंज आइजी लांगकुमेर, बीजापुर एसपी समेत 190 जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जावे। इस मामले में बस्तर पुलिस का कहना था कि एक ही प्रकरण में दो एफआईआर संभव नहीं है। जिसके बाद दोषी पुलिस अधिकारियों और जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर हिमांशु कुमार और सोनी सोढी के साथ ग्रामीण थाने में धरने पर बैठ गये थे। सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों से मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के द्वारा आश्वासन देने के बाद धरना स्थगित कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सारकेगुड़ा गोलीकांड के न्यायिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ग्रामीणों ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में बासागुड़ा थाना पहुँचकर एफआईआर दर्ज कराने पहुँचे थे। एफआईआर दर्ज नहीं होने से नाराज ग्रामीणों के साथ मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार और सोनी सोढ़ी थाने में ही धरने पर बैठ गए थे। जिसके बाद शनिवार की सुबह सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने ग्रामीणों को जल्द ही एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने कुछ दिन के लिए धरना स्थगित कर दिया है। वहीं मिल रही जानकारी के अनुसार पीडि़त ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ता ने एक महीने के भीतर ही एफआईआर दर्ज करने की बात सरकार के सामने रखी है। एक महीने के भीतर एफआईआर दर्ज नही होने पर दुबारा धरना देने की बात ग्रामीणों ने कही है।