बिलासपुर। कर्नल्स अकादमी ऑफ़ रेडियट एजुकेशन मंगला बिलासपुर में मैडिटेशन पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया । शाला की संचालिका डॉक्टर गीता त्रिपाठी एवं प्रबंध संचालक कैप्टेन आर. के. त्रिपाठी , विशेष अतिथि कमांडर दुबे सर ने संबोधित किया । दुबे सर ने शिक्षक शिक्षिकाओं से प्रश्न करते हुए पूछा शिक्षक क्यों बने या बनना चाहते थे ? शिक्षक का बच्चों के जीवन में क्या योगदान होता है ॽ उन्होंने “”आनापानसती ध्यान “” का अर्थ बताते हुए हमारे जीवन में ध्यान के महत्व को समझाया साथ ही कहा ध्यान व्यक्ति को जीवनभर मंगलाचरण करने का संबल देता है, जिससे विकारों का शमन होता है। ध्यान की गंभीरता व गंभीर स्थिरता व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक स्थितियों का निर्माण करती है। इससे क्रोध, काम, लोभ और मोह के बंधनों से मुक्ति मिलती है। ध्यानस्थ रहकर नकारात्मक मनोभावों पर नियंत्रण का अभ्यास होता है। उसके बाद उन्होंने ध्यान कैसे करना चाहिए किस मुद्रा में बैठना चाहिए आदि की जानकारी दी तथा नियमित रूप से योगा, मैडिटेशन करने कि सलाह दी। बच्चों को भी अभी से मैडिटेशन करने का नियम बनाने को कहा साथ ही शाला के उज्जवल भविष्य कि कामना की । कैप्टेन त्रिपाठी ने धन्यवाद दिया और सभी को ध्यान करने की सलाह दी। उन्होंने मोबाइल का उदाहरण देते हुए हमारे जीवन में मैडिटेशन के महत्व को बताया कहा हमारे दिमाग़ के कचरे को साफ करने के लिए तथा खाली करने के लिए मैडिटेशन जरूरी है। गीता त्रिपाठी ने इस वर्कशॉप उद्देश्य बताया साथ ही शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया और कहा शाला में पहले से ही ये परंपरा चली आ रही है अतः नये सत्र में भी बच्चों को योगा मैडिटेशन आदि कराने की सलाह दी । धन्यवाद के साथ सभा का समापन किया ।