काहिरा। एक पायलट के सिगरेट की तलब ने प्लेन में सवार सभी 66 लोगों की जान ले ली. यह बात एक जांच में सामने आई है. दरअसल, प्लेन के इमरजेंसी मास्क से ऑक्सीजन लीक हो रहा था. जिसके बाद उड़ते विमान के कॉकपिट में पायलट के सिगरेट जलाते ही आग लग गई।
फ्रांस के पेरिस चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट से काहिरा (मिस्त्र की राजधानी) जा रही Airbus A320, मई 2016 में क्रैश हो गई थी. यह प्लेन रहस्यमय हालात में भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) में जा कर गिरी थी. मरने वालों में 1 ब्रिटिश, 12 फ्रेंच टूरिस्ट, 30 मिस्त्र के नागरिक, दो इराकी और कनाडाई नागरिक शामिल थे।
क्रैश के बाद प्लेन के ब्लैक बॉक्स के लिए एक बड़ा सर्च अभियान चलाया गया. ताकि क्रैश के कारणों का पता लगाया जा सके. आखिर में ब्लैक बॉक्स अमेरिकी नेवी के हाथ लगा. वह ग्रीस के पास गहरे पानी में था. तब मिस्त्र के अधिकारियों ने प्लेन क्रैश के पीछे आतंकियों का हाथ बताया था।
हालांकि, अब ऑफिशियल इन्वेस्टिगेशन में इस बात पर मुहर लग गई है कि पायलट मोहम्मद सईद अली अली शौकैर के सिगरेट पीने की वजह से हादसा हुआ था. एविएशन एक्सपर्ट्स के 134 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि वह वह पायलट कॉकपिट में आमतौर पर सिगरेट पीते ही रहता था. खास बात यह है कि साल 2016 के क्रैश के समय प्लेन में सिगरेट पीना बैन नहीं था।
इटली के न्यूजपेपर Corriere Della Sera से बातचीत में एक्सपर्ट्स ने कहा कि मेंटेनेंस इंजीनियरिंग ने ऑक्सीजन मास्क को नॉर्मल से इमरजेंसी पर शिफ्ट किया था. जिसकी वजह से ऑक्सीजन लीक होने लगी. रिपोर्ट के मुताबिक 19 मई 2016 की सुबह 2.25 बजे ऑक्सीजन लीकेज की आवाज आने लगी थी. इसके कुछ ही मिनटों बाद फ्लाइट क्रैश हो गई।