भोपाल।
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने बीटेक, बीफार्मा, बीआर्क एमटेक की प्रथम से चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं लेना शुरू कर दिया है। परीक्षाओं में करीब एक लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। उक्त विद्यार्थियों की परीक्षाओं पर नजर रखने के लिये दो उड़नदस्ते तैयार किए हैं। इसमें करीब सात सदस्यों को शामिल किया गया है। इसमें आधा दर्जन सदस्य पूर्व आईपीएस हैं। उड़नदस्तों में सिर्फ पूर्व आईपीएस का वर्चस्व रहेगा।
आरजीपीवी ने प्रथम से चतुर्थ सेमेस्टर तक की परीक्षाएं लेने के लिए राजधानी में 50 और प्रदेश में 179 परीक्षा केंद्र तैयार किए हैं। पूर्व की परीक्षा में काफी विद्यार्थियों का रिजल्ट बिगड़ा था। परीक्षाओं में विद्यार्थी नकल सामग्री का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिये विद्यार्थियों की हर मूवमेंट पर नजर रखने के लिये आरजीपीवी ने छह पूर्व आईपीएस का उड़नदस्ता तैयार किए है। इसमें एक तकनीकी शिक्षा विभाग के पूर्व संचालक वायके शर्मा को शामिल किया है। उनकी पैनी निगाहों से कोई नकलची बच नहीं सकेगा। उड़नदस्ते प्रदेश के किसी भी कॉलेज में पहुंचकर विद्यार्थियों की तलाशी ले सकते हैं। इसलिये आरजीपीवी ने कॉलेजों को सूचित किया है। विद्यार्थी नकल सामग्री लेकर परीक्षा हाल में प्रवेश नहीं कर सकें। इसलिये उन्हें पूर्व में सूचित किया जाए। उड़नदस्तों के हाथ में नकल लगने से उनके परीक्षा को निरस्त तक किया जा सकता है।
उड़नदस्ते के सदस्य
सदस्य रैंक
एससी त्रिपाठी पूर्व डीजीपी
एसएस बरबडे पूर्व आईजीपी
एपी सिंह पूर्व एडीजीपी
डीके कोरबु पूर्व डीजीपी
जेएन चतुवेर्दी पूर्व आईजीपी
प्रेम शर्मा पूर्व एडीजीपी
वायएस शर्मा पूर्व संचालक डीटीई
करेंगे हर संभव प्रयास
परीक्षाओं को नकल से मुक्त रखने के लिए आरजीपीवी सभी संभव प्रयास कर रहा है, ताकि इंजीनियरिंग की शिक्षा में गुणवत्ता मजबूत बनी रहे।
प्रो. प्रशांत जैन, परीक्षा नियंत्रक, आरजीपीवी