हावडा गांव में पशु व्यापारी के घर से आठ करोड़ रुपये की पुरानी करेंसी बरामद

जींद (हरियाणा)। हरियाणा के जींद जिले के पिल्लूखेड़ा क्षेत्र के हाडवा गांव में पुरानी करेंसी की सूचना पर रविवार देर शाम पुलिस ने छापा मारा। एएसपी कुलदीप सिंह के नेतृत्व में हुई कार्रवाई के दौरान हाडवा गांव निवासी एक पशु व्यापारी के घर से करोड़ों की पुरानी करेंसी बरामद की है। घर से रंगीन फोटोस्टेट की बड़ी मशीन, नोट कटर, सफेद कागज व विशेष प्रकार की स्याही के डिब्बे बरामद किए हैं। हालांकि पुलिस आधिकारिक रूप से अभी पुष्टि नहीं कर रही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार करीब आठ करोड़ के पुराने नोट बरामद हुए हैं। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है।
एएसपी कुलदीप सिंह के अनुसार, रविवार देर शाम पुलिस को सूचना मिली थी कि हाडवा गांव निवासी संजय के घर में काफी संख्या में पुरानी करेंसी रखी हुई है। इसके आधार पर पुलिस टीम ने जांच शुरू की। इसके लिए नायब तहसीलदार लोकेश कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया।
ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने संजय के मकान पर छापा मारा तो यहां पर एक-एक हजार के पुरानी करेंसी के नोटों से भरे तीन बड़े बैग, तीन कट्टे, दो कैरिंग बैग मिले। साथ ही पुलिस ने संजय के मकान से एक रंगीन फोटोस्टेट की बड़ी मशीन, नोट काटने का कटर, सफेद पेपर के रोल और डिब्बे में नोट छपाई में प्रयोग होने वाली स्याही बरामद की है।
इसी मामले में पुलिस ने जयसिंहपुरा गांव निवासी नवदीप, गांव दुडाना निवासी मासकीन, असंध निवासी भारतभूषण को भी हिरासत में लिया है। एएसपी कुलदीप सिंह के अनुसार, संजय सहित अन्य लोग भी पशु व्यापारी हैं। रुपयों की गिनती के लिए पिल्लूखेड़ा थाने में रुपये गिनने की मशीन मंगवाई गई है, ताकि गिनती की जा सके।
पुरानी करेंसी रखने का उद्देश्य क्या था और घर में रंगीन प्रिंटर के अलावा सफेद कागज रोल व स्याही को घर में क्यों रखा हुआ था। इन तमाम पहलुओं की जांच पिल्लेखेड़ा थाना पुलिस कर रही है। हालांकि पुलिस ने बरामद करेंसी की संख्या के बारे में अभी तक खुलासा नहीं किया है।
एएसपी कुलदीप सिंह ने बताया कि सूचना के आधार पर गांव हाडवा मकान में छापा मारा गया है। वहां से करोड़ों रुपये की पुरानी करेंसी बरामद हुई है। गिनती जारी है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के बाद ही खुलासा हो सकेगा कि इतनी संख्या में पुरानी करेंसी रखने का मकसद क्या था।

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