भोपाल
नया साल सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना और उनसे जुड़े युवाओं को ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने वाला साबित होगा। इस सेक्टर में आने के इच्छुक युवा उद्यमियों की राह आसान करने एमएसएमई विभाग एक अंम्ब्रेला के नीचे सारी सुविधाएं मुहैया कराने समर्थन पोर्टल शुरु करने जा रहा है जिससे एक ही प्लेटफार्म पर उद्यमियों को सारी सुविधाएं मिल जाएंगी। वहीं प्रदेश के संतुलित औद्योगिक विकास के लिए दस नये एमएसएमई क्लस्टर बनाए जाएंगे जिनके जरिए प्रदेश के ऐसे क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का जाल बिछाया जाएगा जहां उद्योगों का घनत्व कम है लेकिन वहां इनकी शुरु करने की ज्यादा संभावनाएं है।
मध्यप्रदेश में अभी प्रदेश के कुछ ही जिलों में उद्योगों का तीव्र विकास हुआ है। अभी भी कई जिले ऐसे है जहां तक उद्योगों की पहुंच नहीं हो पाई है जबकि वहां भी संभावनाएं काफी है। प्रदेश के सभी जिलों में संतुलित औद्योगिक विकास का खाका एमएसएमई विभाग ने खीच लिया है। खास तौर पर पूर्वी मध्यप्रदेश, बुंदेलखंड सहित ऐसे क्षेत्र जहां उद्योगों को शुरु करने की संभावनाएं है वहां सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम शुरु किए जाएंगे और वहां नये रोजगारों का सृजन किया जाएगा। इस कड़ी में सागर में फर्नीचर उद्योग से जुड़ा कल्स्टर सबसे पहले शुरु किया जाएगा। इसके बाद अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग दस क्ल्स्टर विकसित किए जाएंगे।
सिंगल विंडो से साकार होगी एमएसएमई यूनिटें
प्रदेश में एमएसएमई यूनिट शुरु करने के इच्छुक उद्यमियों को इकाई स्थापित करने के लिए विभिन्न अनुमतियां लेने अब अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। एमएसएमई विभाग सिंगल विंडो मैकेनिज्म स्थापित करेगा। इसके लिए एमपीएसआईडीसी की मदद से समर्थन पोर्टल तैयार किया जा रहा है। इस पोर्टल पर एमएसएमई इकाई शुरु करने के इच्छुक व्यक्ति सिंगल विंडो पर आवेदन करेंगे। विभाग उन्हें सारी अनुमतियां यहीं उपलब्ध करने सारे विभागों को जोड़ेगा। हर क्षेत्र की मानीटरिंग करने के लिए अधिकारी तय किए जाएंगे। इस पोर्टल के जरिए उद्यमियों को जमीन आवंटन, प्रदूषण निवारण मंडल, श्रम विभाग और अन्य विभागों की आवश्यक अनुमतियां मुहैया कराई जाएंगी। मानीटरिंग के लिए तैनात अधिकारी उनकी हर चरण में मदद करेंगे।
शासन की मंशानुसार, संकल्प पत्र में एमएसएमई से जुड़े सभी विषयों पर योजनाओं को साकार करने के लिए विभाग पूरी शिद्ददत से प्रयास करेगा। विभाग के मंत्री चैतन्य कश्यप के निर्देशानुसार विभाग से जुड़े हर बिंदू पर तेजी से अमल किया जाएगा।
पी नरहरि, सचिव एमएसएमई