इस्लामाबाद। पाकिस्तान में चल रहे सियासी संकट पर इमरान खान सरकार में अहम मंत्री फवाह चौधरी ने खुलकर बात की। उन्होंने इमरान खान को लोकप्रिय नेता करार देते हुए कहा कि उन्हें देश की जनता एक बार फिर से चुनकर संसद भेजेगी। गौर करने वाली बात है कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने मौजूदा संसद को भंग कर दिया है, ऐसे में तीन महीने के भीतर पाकिस्तान में फिर से चुनाव होना अनिवार्य है। वहीं वहीं चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारी का कहना है कि तीन महीने में चुनाव कराना सभव नहीं है। इसके लिए कम से कम छह महीने के समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खैबर पख्तुनवा में नए संसदीय क्षेत्र का विस्तार हुआ है, जिससे सीटों में भी बढ़ोत्तरी हुई है, लिहाजा इन जिलों को संसदीय क्षेत्र में लाने की प्रक्रिया लंबी है जोकि चुनौतीपूर्ण काम है। इसमे समय लगता है। इसमे लोगों की आपत्ति को सुनने के लिए कम से कम एक महीने का समय दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कम से कम तीन महीने की जरूरत है, जिसके बाद ही आम चुनाव कराए जा सकते हैं।
बाहरी देशों के इशारे पर सरकार अस्थिर की गई
फवाद चौधरी ने कहा कि हमारी ओर से किसी भी नेता को खरीदने की कोशिश नहीं की गई, बल्कि विपक्ष ने पहले विदेशी ताकत के इशारे पर नेताओं को खरीदने की कोशिश की और ये लोग हमपर अलग-अलग आरोप लगा रहे हैं। फवाद ने कहा कि विपक्ष के खिलाफ हमारे पास बड़ा सबूत है कि ये लोग बाहरी देश के इशारों पर काम कर रहे हैं। हमारे पास इस बात के भी सबूत हैं कि देश में सत्ता परिवर्तन में बाहरी ताकतों का हाथ है।
पाकिस्तान में विकास दर पहले से कहीं बेहतर
मुझे कहना चाहिए कि किसी भी लोकतंत्र में संकट आने पर जनता के पास जाना ही सबसे लोकतांत्रिक रास्ता होता है, किसी भी लोकतंत्र में लोग जनता के बीच जाते हैं और उनके पास ही सत्ता परिवर्तन का अधिकार होता है। इमरान खान के नया पाकिस्तान के नारे पर फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान लोकतांत्रिक देश है, आज का पाकिस्तान पहले से कहीं बेहतर है। पाकिस्तान 5.6 फीसदी की दर से विकास कर रहा है, हमने 5.5 मिलियन नौकरी दी है पिछले तीन साल में, किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया है।
हमे संप्रभू होने का अधिकार
इमरान सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर फवाद चौधरी ने कहा कि हमारे दुश्मन भी हमपर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकते हैं। यह शायद पहली सरकार है, जिसमे एक रुपए का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ, विदेश नीति की बात करें तो हमे किसी भी देश की तरह संप्रभू होने का अधिकार है। हमारे देश में सत्ता बदलाव का फैसला जनता ही करेगी। हमारे 20 सांसदों ने दल बदल किया है, लेकिन सबको पता है यह कैसा हुआ, बाजार खोला गया, पैसों से लोगों को खरीदा गया।
सेना की क्या भूमिका
पाकिस्तान में चल रहे इस पूरे सियासी संकट पर सेना की भूमिका के सवाल पर फवाद चौधरी ने कहा कि यह राजनीतिक लड़ाई है, सेना का इसमे कोई रोल नहीं है, इमरान खान काफी लोकप्रिय हैं पाकिस्तान में, मुझे भरोसा है कि वह भारत में भी काफी लोकप्रिय हैं। इमरान खान की पार्टी लोगों की ताकत से सत्ता में आई थी और हम एक बार फिर से सत्ता में आएंगे। हमने हमेशा ही कहा है कि हम लोगों के वोट से सरकार में आए हैं, सेना का सत्ता में कोई दखल नहीं है। इमरान खान की पार्टी लोगों की ताकत पर भरोसा करती है और हम हमेशा इसी पर कायम रहेंगे।
चुनाव और सुप्रीम कोर्ट पर कही यह बात
सच कहूं तो हमारी ओर से कोई नहीं कह रहा है कि वह कानून को अपने हाथ में लें, लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। यह चुनाव अभियान है, जब आप अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि वह प्रचार करेंगे। चुनाव 90 दिन के भीतर होने हैं ऐसे में कार्यकर्ता सड़कों पर हैं। जब फवाद चौधरी से पूछा गया कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आपके खिलाफ आता है तो क्या होगा तो उन्होंने कहा कि सभी देश और राजनीतिक दल सुप्रीम कोर्ट से बंधे हैं, ऐसे में हम भी सुप्रीम कोर्ट से बंधे हैं। लेकिन राजनीतिक मुद्दों का समाधान कोर्ट में नहीं बल्कि जनता के बीच निकलता है। चुनाव होंगे और इसके बाद ही किसी भी तरह का सवाल उठाया जा सकता है।