भोपाल /नई दिल्ली
'हिट-एंड-रन' को लेकर नए कानून के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल खत्म होने का रास्ता साफ है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि नया कानून अभी लागू नहीं हुआ है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 106/2 को लागू करने से पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के लोगों से बात की जाएगी। उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा। सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर सभी वाहन चालकों से अपने-अपने काम पर लौटने की अपील की है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी सभी ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने का आह्वान किया है। ‘हिट-एंड-रन’ मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने के कड़े प्रावधान के खिलाफ ट्रक, बस और टैंकर ऑपरेटरों ने सोमवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की थी। हड़ताल के मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश करने के बीच उत्तर और पश्चिम भारत के करीब दो हजार पेट्रोल पंपों में ईंधन का भंडार खत्म हो गया।
बीएनएस ने औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह ली है। इसमें प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
AIMTC ने कहा- सजा और जुर्माने का कानून अभी तक लागू नहीं
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के पूर्व अध्यक्ष और कोर कमिटी के चेयरमैन बाल मलकीत सिंह ने गृह सचिव से मीटिंग के बाद प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'ड्राइवर हमारे परिवार के सदस्य हैं। हमने 28 दिसंबर को ही प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर उन्हें ड्राइवरों की चिंता और भय से अवगत करा दिया था। साथ ही यह बता दिया था कि अगर यह कानून लागू होता है तो इससे क्या नुकसान हो सकता है। देश किस तरह प्रभावित होगा। हालांकि, सरकार ने समय पर संज्ञान नहीं लिया और जिस बात का डर था 1 तारीख से वही देखने को मिला। आज हमें 7 बजे गृह मंत्रालय में मीटिंग के लिए बुलाया गया था। गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में हमारी मीटिंग हुई, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। हम आपको यह सूचित करते हैं कि धारा 106(20) के तहत 10 साल की सजा और जुर्माने का कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है। हम आपको (ड्राइवरों को) पूरा आश्वासन दिलाते हैं कि ये कानून लागू नहीं होने देंगे। आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हम बातचीत में विश्वास रखते हैं। डायलॉग के माध्यम से ही इसका हल निकला है।'
सरकार और ट्रांसपोर्टरों में बनी सहमति
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के साथ बैठक के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि सरकार और ट्रांसपोर्टर इस बात पर सहमत हुए हैं कि परिवहन कर्मचारी तुरंत अपना काम फिर से शुरू करेंगे। उन्होंने बताया, 'हमने आज अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की। सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। हम ये भी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।'
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों की गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई सफल बैठक के बाद एक बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि सरकार ने बीएनएस की धारा 106/2 में सजा और जुर्माने के प्रावधान के बारे में ड्राइवरों की चिंता का संज्ञान लिया। इसे लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा हुई। सरकार बताना चाहती है कि ये नए कानून और प्रावधान लागू नहीं हुए हैं। इन्हें लागू करने से पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रासंपार्ट कांग्रेस के साथ बातचीत की जाएगी।
हड़ताल पर सियासत भी हो गई थी गरम
इसके पहले कांग्रेस ने ‘हिट-एंड-रन’ के मामलों में कड़ी सजा के प्रावधान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे ट्रक चालकों का समर्थन किया। पार्टी ने कहा कि कानून का दुरुपयोग 'वसूली तंत्र' और 'संगठित भ्रष्टाचार' को बढ़ावा दे सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर अवसंरचना क्षेत्र में निवेश को रोकते हुए ‘गरीब को दंडित’ करने का आरोप लगाया। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा कि जब 150 से ज्यादा सांसद निलंबित थे, तब संसद में मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़, चालकों के विरुद्ध एक ऐसा कानून बनाया, जिसके ‘परिणाम घातक’ हो सकते हैं।