हर क्रिप्टो एक अलग एसेट, आयकर विभाग की नई गाइडलाइन

कानपुर। एक क्रिप्टो करेंसी के नुकसान को दूसरी क्रिप्टो से हुए मुनाफे में समायोजित नहीं किया जा सकता। हर क्रिप्टो एक अलग एसेट है। आयकर विभाग ने इसे लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।
समायोजित नहीं किया जा सकता: वरिष्ठ टैक्स सलाहकार सीए श्रेष्ठ गोधवानी ने कहा कि क्रिप्टो में किए गए निवेश को नुकसान और मुनाफे में समायोजित नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि 260 मामलों में करदाताओं ने बिटक्वाइन के मुनाफे को अन्य क्रिप्टो करेंसी के नुकसान में एडजस्ट कर दिया। इनकम टैक्स बचाने के लिए करदाताओं ने मुनाफा 70 फीसदी घटा कर दिखाया। 10 लाख से 1.40 करोड़ तक की कमाई की लेकिन घोषित केवल 40 लाख रुपए किए। बाकी धनराशि को अन्य क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश से हुए नुकसान से समायोजित कर दिया। अब इस खेल पर आयकर विभाग ने रोक लगा दी है।
एक लाख के मुनाफे पर टैक्स देना होगा: उन्होंने बताया कि अगर आपको बिटक्वाइन से एक लाख का मुनाफा हुआ और डॉजक्वाइन में 50 हजार रुपए का नुकसान हो गया तो आपको एक लाख के मुनाफे पर टैक्स देना होगा।
रिटर्न को अपडेट करने की छूट: सीए श्रेष्ठ गोधवानी ने बताया कि अपडेटेड रिटर्न का प्रावधान इस बजट में पेश किया गया था। एक असेसमेंट वर्ष के दो साल में रिटर्न अपडेट किया जा सकता है। अपडेटेड रिटर्न में आप उस आय को शामिल करते हैं जिसे आप पहले आईटीआर में शामिल करना भूल गए थे। उन्होंने बताया कि एसेसमेंट वर्ष 2020-21 की अवधि 31 मार्च को पूरी हो रही है। अब समय सीमा 30 सितंबर 2022 कर दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *