हिन्दी फिल्मों के कारण उतरने का खतरा मंडरा रहा छॉलीवुड फिल्म गुईयाँ पर

रायपुर
8 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के 44 सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज हुई छत्तीसगढ़ी फिल्म गुईयाँ के ऊपर अब उतरने का खतरा मंडरा रहा है, इसका मुख्य कारण सिनेमाघर वाले हिन्दी फिल्मों को बात रहा है। उनका कहना है कि बहुत ही हिन्दी फिल्में रिलीज की प्रतिक्षा में है और कई फिल्में तो बड़ी बजट की भी है। वहीं फिल्म के कहानीकार व अभिनेता अमलेश नागेश ने दर्शकों से अपील करते हुए फिल्म को परिवार सहित देखने की अपील की है ताकि फिल्म को सिनेमाघर वाले उतार न सकें।

नशे के विरुद्ध बनी छत्तीसगढ़ी फिल्म गुईयाँ 8 दिसंबर को 44 सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और एक सप्ताह बाद यानी 15 दिसंबर, शुक्रवार से छत्तीसगढ़ के 7 और सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है, लेकिन फिल्म के रिलीज होने से पहले ही इसके उतरने की चर्चा ज्यादा होने लगी है। छत्तीसगढ़ के कुछ सिनेमाघर वाले इस फिल्म को उतारने के लिए निमार्ता-निर्देशक पर दबाव बना रहे है। इस संबंध में सिमनेघर मालिकों का कहना है कि वे इस फिल्म को अपने टॉकीजों में चलाना तो चाहते है लेकिन कुछ बड़ी बजट की हिन्दी फिल्म अगले हफ्ते रिलीज होने वाली है इसलिए वे छालीवुड फिल्म गुईयाँ  को अपने सिनेमाघरों से उतरने पर मजबूर है। फिल्म वाकई बहुत अच्छी बनी है और दर्शक इसे खूब पसंद भी कर रहे है और सिनेमा मालिकों के साथ ही निमार्ता और निर्देशक को काफी फायदा भी हो रहा है।

फिल्म के हीरो और कहानीकार अमलेश नागेश ने बताया कि पहले सप्ताह का कलेक्शन प्रभात रायपुर 8,20,990, कोरबा 8,50,000, सिटी 36 बिलासपुर 6,0,6433, चंद्रा-मोर्या भिलाई 5,56,243, सिनेवर्ल्ड कांकेर 4,78,407, व सिटीप्लेक्स भाटापारा में 4,13,838 रुपये है और उन्हें उम्मीद है कि यह फिल्म आगे भी ऐसी ही कमाई करते रहेगी। लेकिन कुछ सिनेमा मालिक इस फिल्म को उतारने के लिए दबाव बना रहे है, इसलिए वे राजधानी रायपुर के साथ ही छत्तीसगढ़ के दर्शकों से निवेदन करता चाहते हैं कि वे हिन्दी फिल्म के चलत हमर भाखा बोली के पिक्चर ला उतरन मत दो, सब साथी संगवारी हो अपन के नजदिकी सिनेमा घर मा पहुंचो अऊ टॉकिज ला भर दो। ये फिल्म समाज ला संदेश देत हे जेमे दिखाएगे हवाए कि नशा के विरोध एक आम आदमी ह कइसे संघर्ष करथे।

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