रेंजर, डिप्टी रेंजर,बीटगार्ड, पर भी विभागीय जांच व कार्रवाई शुरू

कागजों में डबरी निर्माण करने वाले महावीर ट्रेडर्स से होगी रिकवरी
रायगढ़।
खरसिया के वन क्षेत्रों में कागजों में डबरी निर्माण करने के मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर निर्माण एजेंसी महावीर ट्रेडर्स से जहां वसूली की कार्रवाई होगी तो वहीं दूसरी ओर बीट गार्ड, डिप्टी रेंजर व रेंजर पर विभागीय जांच व कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
वर्ष २०२० में वन विभाग खरसिया द्वारा डेढ़-डेढ़ लाख रुपए की लागत से चोढ़ा से छाल मार्ग में ११६४ पीएफ में तीन डबरी का निर्माण कराया गया था। वन विभाग के रिकार्ड के अनुसार वर्ष २०२० में तीनों डबरी का कार्य महावीर ट्रेडर्स द्वारा पूर्ण बताते हुए बकायदा संबंधित फर्म को भुगतान कर दिया गया। वर्ष २०२० में रेंजर छोटेलाल डनसेना, डिप्टी रेंजर व बीट गार्ड के इस कारनामे को लेकर कुछ समय पूर्व मामला उजागर हुआ और इस मामले में डीएफओ से शिकायत हुई। शिकायत के बाद तत्कालीन डीएफओ प्रणय मिश्रा के निर्देश पर एसडीओ आरआर पैंकरा ने मामले की जांच की। डीएफओ स्टेयलों मंडावी ने बताया कि इस मामले में आई जांच प्रतिवेदन के अनुसार १ डबरी का निर्माण होना मिला है लेकिन दो डबरी का नहीं। जांच अधिकारी के रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में निर्माण एजेंसी महावीर ट्रेडर्स को किए गए भुगतान के संबंध में जानकारी एकत्र कर यह आंकलन किया जा रहा है कि कितने का काम हुआ और किना भुगतान किया गया है। अंतर की राशि को संबंधित निर्माण एजेंसी से वसूली की कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस मामले में बीट गार्ड से लेकर रेंजर तक संबंधित अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच व कार्रवाई शुरू की जा रही है।
महावीर ट्रेडर्स को किया ब्लैक लिस्टेड
वर्ष २०१९ में कैंपा मद से रायगढ़, खरसिया, घरघोड़ा, घरघोडा, तमनार और बरमकेला क्षेत्र में निर्माण कार्यो के लिए गिट्टी रेत प्रदाय किए जाने का टेंडर मिला था। जिसमें वन मंडल रायगढ़ से महावीर ट्रेडर्स को वर्ष २०२० से अप्रैल २०२१ तक कुल ६४४५.६०३ घनमीटर गिट्टी व १९१८.७९३घनमीटर रेत का भुगतान किया गया। जब संस्थान द्वारा उक्त सामग्री में से १ हजार १११ घनमीटर गिट्टी और ६३६ घनमीटर रेत का ही रायल्टी चूकता प्रमाण पत्र जमा किया गया। जिसके कारण ८० रुपए प्रति घनमीटर गिट्टी और ५० रुपए प्रति घनमीटर रेत के हिसाब से ७ लाख ६४ हजार के राजस्व का नुकसान हुआ है। शासन के प्रावधान के अनुसार रायल्टी राशि के तीन गुना राशि के हिसाब से २६ लाख ४८ हजार ३२७ रुपए वसूली योग्य है। संबंधित फर्म को रॉयल्टी क्लीयरेंस जमा करने के लिए २० फरवरी तक का समय दिया गया है।
वर्सन
जांच रिपोर्ट के अनुसार खरसिया के १ डबरी निर्माण हुआ है दो नहीं। भुगतान का आंकलन कर अंतर की राशि महावीर ट्रेडर्स से वसूली होगी। साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारियों को अल्टीमेटम देते हुए विभागीय जांच की जा रही है।
स्टेयलो मंडावी, वनमंडलाअधिकारी रायगढ़

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