जानें फाजिलनगर में क्या है स्वामी प्रसाद मौर्य का हाल, कांटे की लड़ाई में फंसे कई सियासी दिग्गज

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर-बस्ती मंडल में गुरुवार को हुए मतदान में कई दिग्गज कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। वोटिंग के बीच खुद फाजिलनगर सीट को ‘रफ एंड टफ’ बता चुके स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए भी राह आसान नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने का असर गोरखपुर शहर की सीट के मतदान प्रतिशत पर सुबह से ही दिखा। सुबह खुद योगी ने गोरखनाथ स्थित कन्या प्राथमिक पाठशाला पर मतदान किया। इस बार शुरुआती दो घंटे में ही शहर में 7.75 प्रतिशत मतदान हो गया था।
देवरिया में दो मंत्रियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। मुस्लिम बहुल पथरदेवा सीट से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। यहां ज्यादातर मुस्लिम मतदाता सपा के पक्ष में दिखे। सजातीय होने के चलते ब्राह्मणों का भी कुछ झुकाव सपा प्रत्याशी पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी के पक्ष में दिखा। देवरिया सदर में सबसे कम मतदान का असर भी नतीजे को प्रभावित कर सकता है। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी, स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह और दो राज्यमंत्रियों जयप्रकाश निषाद व श्रीराम चौहान भी कड़े मुकाबले में फंसे हैं। सपा प्रत्याशी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।
स्वामी प्रसाद और लल्लू को कड़ी टक्कर मिली
गोरखपुर के बाद सबसे हाट जिला बन चुके कुशीनगर की फाजिलनगर सीट पर सपा प्रत्याशी स्वामी प्रसाद मौर्य को भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा से कड़ी टक्कर मिल रही है। यहां दो दिन से दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच भिड़ंत का असर मतदान के दौरान भी दिखा। मुस्लिम, कुशवाहा और ब्राह्मणों के साथ चनऊ (सैंथवार) मतदाताओं के प्रभाव वाली सीट पर कुशवाहा दोनों दलों में बंटे दिखे तो मुस्लिम मतदाताओं में बसपा के इलियास अंसारी छिटपुट ही सेंधमारी कर सके। यहां के मतदान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह का भी प्रभाव दिखा।

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