मुंबई। कैबिनेट मिनिस्टर नवाब मलिक की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ती हुई बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय, मुंबई और महाराष्ट्र से बाहर निकलकर उनके खिलाफ गुजरात में भी जांच कर रहा है। ईडी(ED) गुजरात के कांडला स्थित एक कंपनी में मलिक की भागीदारी की जांच कर रही है। यह कंपनी पाकिस्तान और वेस्ट एशिया में हाई प्रेशर इंडस्ट्रियल सिलेंडर का निर्यात करती है। ईडी की शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस कंपनी ने मुंबई के बीकेसी इलाके में 200 करोड़ का प्लॉट खरीदा था। उस टचवुड रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और गुजरात की एसोसिएट हाई प्रेशर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कुछ डायरेक्टर एक ही हैं।
टचवुड रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक के अलावा फारुख, जकारिया दरवेश, मनोहर, श्रीचंद अगिचा और सुहैल खंडवानी हैं। फराज को छोड़कर यह सभी लोग गुजरात की इस कंपनी के बोर्ड में भी शामिल हैं। कांडला की इस कंपनी की छानबीन 150 करोड़ रुपये के एक बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई भी कर रही है। यह लोन बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दिया गया था। लोन ना चुकाने की वजह से साल 2016 में इसे एनपीए घोषित कर दिया गया था।
मलिक पर ईडी का शिकंजा
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक पर ईडी का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। पहले ईडी ने कुर्ला की तीन एकड़ जमीन की सौदेबाजी में हुई मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में मलिक को गिरफ्तार किया। अब ईडी ने उनकी मुंबई के बीकेसी(BKC) में एक अन्य प्रॉपर्टी को भी खोज निकाला है। जानकारी के मुताबिक यह प्लॉट तकरीबन 200 करोड़ रुपए का है। ईडी सूत्रों की माने तो नवाब मलिक के बेटे फराज की टचवुड रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 25 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है और यह प्लॉट उसी से संबंधित है।
2006 में खरीदा प्लॉट
प्रवर्तन निदेशालय की जांच से यह पता चला है कि इस सर्वे को साल 2006 में खरीदा गया था जिसके पैसों का भुगतान तीन बार में अलग अलग खरीदारों के जरिये हुआ था। पैसों के लेन-देन से जुड़े लोगों से भी पूछताछ करने में जुटी है। जांच में यह भी पता चला है कि टचवुड रियल एस्टेट कंपनी की ने एसोसिएट ग्रुप ऑफ कंपनीज के साथ 12.7 करोड रुपए का ट्रांजैक्शन भी किया है। अब यह कंपनी ईडी के राडार पर है और जांच शुरू है।
मनी लांड्रिंग में गिरफ्तार मलिक
प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। उन्हें 7 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा गया है। नवाब मलिक पर हसीना पारकर की एक जमीन को खरीदने का आरोप है। आरोप यह भी है कि उन्होंने 300 करोड़ की जमीन को महज 55 लाख रुपए में खरीदा। इस पूरे ट्रांजैक्शन में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप मलिक पर लगा है। साथ ही अंडरवर्ल्ड और 1993 बम धमाकों के आरोपियों से संबंध रखने और प्रॉपर्टी खरीदने का भी आरोप है। ईडी ने मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप लगाया है।
अस्पताल में भर्ती थे नवाब मलिक
ईडी की कस्टडी के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद नवाब मलिक को मुंबई के जेजे अस्पताल में 25 फरवरी की शाम भर्ती करवाया गया था। हालांकि 28 तारीख को दोपहर में नवाब मलिक को स्वास्थ्य में सुधार के बाद वापस ईडी के दफ्तर लाया गया है। आपको बता दें कि नवाब मलिक को पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। उनकी बहन सईदा खान के मुताबिक़ नवाब मलिक को डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किडनी और लीवर संबंधित शिकायतें थीं। पिछले साल उनकी स्टोन की सर्जरी भी हुई थी। सईदा के मुताबिक पेशाब से ज्यादा खून जाने की वजह से उन्हें जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया था।