मतदान के दौरान भाजपा सदस्यों का बहिर्गमन
मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने विपक्ष के बहिर्गमन के बीच विश्वासमत हासिल कर लिया है। 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सरकार के पक्ष में 169 मत पड़े। एआईएमआईएम के एक सदस्य ने विश्वासमत प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। इसके अलावा सदन में मौजूद चार सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। मतदान में हिस्सा नहीं लेने वाले सदस्यों में राज ठाकरे की एमएनएस का एक विधायक भी शामिल है।
राज्य विधानसभा का दो दिवसीय विशेष अधिवेशन शनिवार अपराह्न दो बजे शुरू हुआ। सरकार की ओर से कांग्रेस सदस्य अशोक चव्हाण ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया। इसका राकांपा सदस्य नवाब मलिक, शिवसेना के आदित्य ठाकरे समेत कई सदस्यों ने अनुमोदन किया।
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सदन की कार्यवाही परंपरा के मुताबिक वंदेमातरम् से नहीं शुरू होने पर विरोध जताया। उन्होंने कहा कि यह विधानमंडल की परंपरा है कि सदन की कार्यवाही वंदेमातरम् से शुरू होती है और समापन राष्ट्रगान से होता है। इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया। सदन में जब विश्वासमत पर मतदान की कार्यवाही शुरू हुई तो भाजपा के सदस्यों ने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सदन से बहिर्गमन किया। विधानमंडल परिसर में फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकार के शपथ ग्रहण पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके छह मंत्रियों ने शपथ के दौरान अपनी-अपनी पार्टी के नेताओं का नाम लिया। यह नियमों के खिलाफ है।
शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन महाविकास आघाड़ी की सरकार का गुरुवार को शपथ ग्रहण हुआ था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ तीनों दलों से दो-दो विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी।