छत्तीसगढ़ के बीहड़ों में नक्सलियों की संख्या तेजी से घट रही – आईजी

बीएसएफ के 55 वें स्थापना दिवस सम्पन्न
भिलाई। बार्डर सिक्योरिटी फोर्स के 55 वें स्थापना दिवस के मौके रिसाली स्थित बीएसएफ मुख्यालय में आईजी जेएसएनडी प्रसाद पत्रकारों से रुबरू हुए। इस मौके पर उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सली मोर्चे पर बीएसएफ द्वारा की जा रही कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए कहा कि, वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बीहड़ों में नक्सलियों की संख्या तेजी से घट रही है। बीएसपी नक्सलियों को खदेडऩे में सफल हो रही है। नक्सलियों की पहचान वैसी नहीं है जैसा की समझा जा रहा है। गाँंव के सीधे सादे लोग ही नक्सली विचारधारा का शिकार हो रहे हैं। बीएसएफ लोगों को नक्सली विचारधारा से हटकर सामान्य जीवन शैली से जोडऩे का प्रयास कर रही है। इसके लिए नक्सली बेल्ट में व्यापक सुविधाओं के विस्तार पर कार्य किया जा रहा है।
दहशत फैलाने करते हैं ग्रामीणों की हत्या
आईजी प्रसाद का यह भी कहना है कि नक्सली ग्रामीणों की हत्या केवल दहशत फैलाने के लिए करते हैं। पुलिस की मुखबिरी के शक में हत्या करने के पीछे एक मात्र कारण यह होता है कि दहशत रहे और कोई भी पुलिस या बीएसएफ का नक्सली मुवमेंट की जानकारी न दे सके। इसे लेकर भी बीएसएफ गाँंवों में लोगों को जागरुक करने का प्रयास कर रही है।
नए संगठन आ रहे सामने
आईजी प्रसाद ने बताया कि, वर्तमान में बालाघाट, कबीरधाम व गोंदिया की ओर ने नए नक्सली मुवमेंट की जानकारियाँं मिल रही हैं। इन क्षेत्रों में नए दल काम कर रहे हैंं जो इस क्षेत्र में दहशत फैलाने का प्लान बना रहे हैं। वर्तमान में बीएसएफ की 8 बटालियन छत्तीसगढ़ में काम रही है और नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर रही है। आईजी प्रसाद ने विश्वास दिलाया है कि आने वाले समय में सरकारी योजनाओं को आखिरी छोर तक पूरी तरह से पहुंँचाएंगे ताकि कोई भी ऐसी विचारधारा के साथ विद्रोही न बने।
सरकार की योजनाओं को पहँुंचाने का प्रयास
आईजी प्रसाद ने बताया कि, आमतौर पर अंतिम छोर के लोगों तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंँच पा रही है। इनके पास सुविधाओं की कमी है। इसे देखते हुए सरकार नक्सलियों तक सरकारी योजनाओं को पहुंँचाने का काम कर रही है। विशेष रूप इन क्षेत्रों में अच्छी सडक़ों की कमी है जिसके लिए बीएसएफ अपनी निगरानी में सडक़ों का निर्माण करा रही है। प्रेसवार्ता के दौरान आईजी प्रसाद के साथ डीआईजी आईएस राणा व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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