कोरबा। गेवरा रोड. पेंड्रारोड रेल कारीडोर में समाहित जमीन का मुआवजा नही मिलने पर धरना दे रहे ग्रामीणों ने त्रिपक्षीय वार्ता के बाद आंदोलन वापस ले लिया। बैठक में प्रभावित ग्रामीणो की जमीन व पेड़ का सर्वे करने मुआवजा देने व तब तक काम शुरू नहीं करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया गया।
पुरैना नदी के पास निर्माणाधीन गेवरा.पेंड्रा रोड रेल कारिडोर स्थल पर भूमि अधिग्रहण और पेड़ों का मुआवजा न मिलने के बारे में छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुवाई में ग्रामीणों द्वारा विरोध कर काम बंद करा धरना शुरू कर दिया गया। प्रशासन व रेल प्रबंधन ने समझाइश का प्रयास किया, पर आंदोलनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे। इससे रेल कारीडोर का निर्माण कार्य बंद करना पड़ा। किसान सभा और ग्रामीणों का आरोप था कि कई किसानों को अधिग्रहित जमीन और पेड़ों का मुआवजा नहीं दिया गया है और काम पूर्ण होने के बाद मुआवजा के लिए भटकना पड़ेगा। आखिरकार प्रशासन व रेल प्रबंधन को आगे आकर आंदोलनकारियों से वार्ता करना पड़ा। जिला प्रशासन की मध्यस्थता में किसान सभा नेताओं के साथ वार्ता आयोजित की गई। इस दौरान सहमति बनी कि जिन किसानों को पेड़ और जमीन का मुआवजा नहीं मिला है, उनकी जमीन का सर्वे शुरू कर मुआवजा देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। साथ ही अधिग्रहित जमीन पर बने मठ व देवस्थलों का ग्रामीणों के रीति-रिवाज के अनुसार पुनव्र्यवस्थित किया जाएगा और अधिग्रहित जमीन के बाद किसानों की बची आंशिक जमीन पर यदि लाभदायक खेती संभव नहीं है, तो रेल प्रशासन द्वारा उसे भी अधिग्रहित कर मुआवजा दिया जाएगा। रेल अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि विवादित भूमि पर समस्या के निराकरण होने तक कारिडोर का काम स्थगित रखा जाएगा। इसके बाद आंदोलनकारियों ने अपना धरना खत्म कर दिया गया है। वार्ता में किसान सभा अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, सचिव प्रशांत झा, दीपक साहू, निरतु, संजय यादव,जय कौशिक, दामोदर, कंवल सिंह, मोहपाल सिंह, शिवरतन सिंह कंवर, सम्मान सिंह, अजित सिंह कंवर, राय सिंह, सारण सिंह आदि किसान सभा नेता और ग्रामीण भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।