नई दिल्ली
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले सेना के एक अधिकारी के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्रवाई की है। खबर है कि राष्ट्रपति ने मेजर को बीते महीने ही सेवा से बाहर कर दिया था। अधिकारी के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लंबी जांच के बाद लिया गया था। कहा जा रहा है कि वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान में भी किसी के संपर्क में था।
खबर है कि सेवाएं समाप्त होने से पहले मेजर स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) की यूनिट में काम कर रहा था। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीते साल ही मेजर के खिलाफ जांच के लिए SFC ने बोर्ड का गठन किया था, जिसमें कई बड़े अधिकारी शामिल थे। भारत के परमाणु शस्त्रागार का काम देखने वाले कमांडर इन चीफ बोर्ड के प्रमुख थे।
जांच के दौरान बोर्ड के अधिकारियों को मेजर की सभी डिजिटल डिवाइसेज जब्त करने के अधिकार भी दिए गए थे। गोपनीय जानकारी साझा करने या लीक करने, सोशल मीडिया नियमों का उल्लंघन करने समेत अन्य सुरक्षा संबंधी जांच के आदेश भी दिए गए थे।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि मेजर के पास कई गोपनीय दस्तावेज मिले हैं, जो उसने अपनी डिवाइस में रखे थे। यह सशस्त्र बलों के नियमों का उल्लंघन है। साथ ही वह पाकिस्तानी खुफिया व्यवस्था के किसी व्यक्ति के साथ भी सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में था। समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रपति, जो तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर भी हैं, ने सेना अधिनियम, 1950 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए मेजर की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए।