रायपुर। राष्ट्रवादी संगठन भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के जगन्नाथपुरी हॉटल नायक प्लाजा में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक बुधवार 23 को प्रात: 11 बजे उदघाटन के साथ शुरू हुआ। इस राष्ट्रीय बैठक का उदघाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी क्षेत्र कार्यवाह( उड़ीसा, बंगाल,मणिपुर, अण्डमान निकोबार) गोपाल प्रसाद महापात्रा ने की। बैठक को पूरी के विधायक श्री जयन्त कुमार षड़ंगी ने भी सम्बोधित किया।उन्होंने इस बैठक की आयोजन उड़ीसा जगन्नाथपुरी में किये जाने पर प्रसन्नता जाहिर किया। बैठक में प्रथम दिन उदघाटन सत्र के बाद भारत सरकार के समक्ष रखे जानेवाले मांगों पर चर्चा की गई एवं गुरुवार 24 फरवरी 22 को जिसमें देशभर के पेंशनर संगठनों के पदाधिकारी देश मे पेंशनरों की समस्याओं और उसकी निदान को लेकर चिंतन किया गया और पेन्शनर हितों पर प्रस्ताव पारित किया। बैठक में छत्तीसगढ़ से वीरेन्द्र नामदेव, डॉ डी पी मनहर, रतन लाल कैवर्त, द्रोपदी यादव, वन्दना दत्ता, डी के त्रिपाठी,मंजु सिन्हा, मंजुलिका त्रिपाठी,नलिनी नामदेव,मदन देहरी,अंजली, जानकी सिंह,सन्तोषी देहरी, जयंती सिंह आदि ने भाग लिया। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सी एच सुरेश केरल की अध्यक्षता में आयोजित इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में 141 प्रतिनिधि उपस्थित रहे। समापन सत्र में भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री के सी मिश्रा ने संघ,संगठन के विस्तार, कार्यक्रम,संचालन आदि मामलों पर मार्गदर्शन दिया। इस बैठक में पेंशनर्स को आयकर में छूट, संसदीय समिति के द्वारा 65 साल की आयु से हर 5 साल में अतिरिक्त पेंशन की सिफारिश, रेल यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों रियायत पुन: चालू करने,सभी राज्यों में सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण बोर्ड का गठन, राज्यों में केन्द्र के समान महँगाई भत्ता,कैशलेस इलाज और केंद्र के समान मेडिकल भत्ता, बस यात्रा में रियायत,वन रैंक वन पेंशन नियम, सभी राज्यों में लागू करने,पेंशनर्स की मृत्यु पर दाह संस्कार हेतु परिजनों को दस हजार की सहायता, 3 वर्ष में एक बार पति पत्नी को एक साथ भारत भ्रमण हेतु आर्थिक सहायता,पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने तथा मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 के छटवीं अनुसूची से धारा 49 को विलोपित कर छत्तीसगढ़- मध्यप्रदेश के बीच 22 वर्षो से लंबित आर्थिक स्वत्वों का बंटवारा किये जाने के मामलों पर विचार विमर्श कर प्रस्ताव पारित किये गए। बैठक में निर्णय लिया गया कि जगन्नाथपुरी में पारित प्रस्ताव को प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को दिल्ली जाकर प्रत्यक्ष भेंट कर पेंशनरो की समस्याओं पर विचार कर निराकरण की मांग करेंगे।