विद्यालयों में वित्तीय प्रबंधन को पारदर्शिता और सुलभ बनाने मे PFMS की अहम भूमिका

रायगढ़। विद्यालयों में बेहतर वित्तीय प्रबंधन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य के लिए विकासखण्ड स्त्रोत केंद्र सारंगढ़ में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस)पर विकासखण्ड स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें समस्त संकुल प्राचार्यों एवं संकुल शैक्षिक समन्वयकों को इस प्रणाली के कामकाज, उपयोगिता एवं उपलब्धियों के प्रति जानकारी दिया गया। इन दिनों सभी शासकीय संस्थाओं के साथ राज्य के सभी शासकीय स्कूलों में बेहतर वित्तीय प्रबंधन एवं आर्थिक लेनदेन में पारदर्शिता और सुगमता बनाने के उद्देश्य से सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को जमीनी स्तर पर सुदृढ़ बनाने कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में गत दिवस विकासखण्ड स्त्रोत केंद्र सारंगढ़ में एक दिवसीय पीएफएमएस पोर्टल के सन्दर्भ में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सहायक जिला परियोजना समन्वयक एवं नोडल अधिकारी भुवनेश्वर पटेल ने कार्यक्रम में बताया कि शासन द्वारा शासकीय संस्थाओं में बेहतर वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता और विश्वनीयता लाने के लिए पीएफएमएस योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना ने सार्वजनिक वित्तीय प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया है। उन्होंने पीएफएमएस को गेम चेंजर बताते हुए कहा कि इस व्यवस्था से मध्यस्थों की भूमिका को खत्म करने के साथ लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि पीएफएमएस ने शासन-प्रशासन के आर्थिक लेनदेन के गतिविधियों में विश्वनीयता और पारदर्शिता को रेखांकित किया है।
प्रशिक्षण के दौरान विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आर.एन.सिंग, सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश कुर्रे, बीआरसीसी शोभाराम पटेल, सभी संकुल प्रभारी प्राचार्य एवं संकुल शैक्षिक समन्वयक उपस्थित थे। प्रशिक्षण में पीएफएमएस पोर्टल को विस्तार से जानकारी अखिलेश यादव प्रोग्रामर एवं रविंद्र राव अकाउंटेंट, समग्र शिक्षा के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षा विभाग में वर्तमान में संचालित हो रहे विभिन्न कार्यक्रमों यथा 100 दिवसीय भाषाई एवं गणितीय कौशल विकास, नवा जतन कार्यक्रमों को शत-प्रतिशत स्कूलों में पालन करने एफएलएन के लक्ष्य को पूर्ण कराने, स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार का शत-प्रतिशत पंजीयन पूर्ण कर अंतिम रूप से सबमिट करने, सभी विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ संकुल प्राचार्य एवं सीएसी को हर माह में कम से कम 2 बार शालाओं का राज्य शासन के मंशानुरूप 100 अंकों में अकादमिक निरीक्षण कर इसकी एंट्री ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *