टिकट कटने से नाराज अंतर सिंह दरबार ने प्रदर्शन करके पार्टी से जवाब मांगा

महू

कांग्रेस ने एक को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी की लिस्ट जारी होने के बाद बगावत और विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिल रहे हैं। जिन लोगों के टिकट कटे हैं या जिन्हें उम्मीद थी लेकिन टिकट नहीं मिला, ऐसे नेता पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कहीं-कहीं पार्टी उम्मीदवार का पुतला भी जलाया गया है। वहीं नाराज नेता निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर रहे हैं। ऐसा ही नजारा महू में देखने को मिला। यहां टिकट कटने से नाराज कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार ने प्रदर्शन करके पार्टी से जवाब मांगा है।

कांग्रेस नेता और महू के पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार ने अपने समर्थकों के साथ इंदौर में विरोध प्रदर्शन किया। दरबार ने कहा, ‘आज महू में जनता और हम यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ यह पूछने के लिए कर रहे हैं कि उन्हें किन मानदंडों के अंतर्गत टिकट दिया गया और हमारा किन मानदंडों के आधार पर काटा है। बस इसका जवाब हमें पार्टी से चाहिए। 2003 में वो पार्टी कार्यकर्ताओं को रोता-बिलखता छोड़कर चले गए थे। सत्ता की मलाई खाने। आज जब सत्ता आ रही है तो 27 दिन में उन्हें ज्वाइन करने के बाद टिकट दिया गया। ये कार्यकर्ताओं का अपमान है। ये 20 साल तक बीजेपी में रहे। जनता अगर मुझे टिकट देगी तो मैं चुनाव लड़ूंगा। मैं किसी पार्टी से संपर्क नहीं कर रहा हूं। जनता का निर्णय, जनता का टिकट सिरोधारी। मुझसे बीजेपी ने संपर्क नहीं किया।’

वहीं दूसरी तरफ महू से पार्टी उम्मीदवार राम किशोर शुक्ला ने कहा, ‘पिछले पांच सालों से ऊषा ठाकुर ने क्षेत्र में कोई विकास या काम नहीं किया। इसकी वजह से कार्यकर्ता और जनता नाराज है। ये देखकर मैंने सोचा की इस पार्टी में रहने से बढ़िया है कहीं और जाकर सेवा करूं। मेरी मातृ संस्था कांग्रेस रही। मैं जिला युवा कांग्रेस का अध्यक्ष रहा। मैंने आदिवासी इलाकों में कैंप लगाए। मैंने आदिवासी बेल्ट में कांग्रेस को मजबूत किया जिसकी वजह से पार्टी सत्ता में आई थी। अंतर सिंह दरबार से मेरी व्यक्तिगत बातचीत हुई थी। अभी एक-एक सीट का महत्व है। एमपी में अगर कमलनाथ की सरकार बनानी है तो हर सीट जरूरी है। हमें मिलकर चुनाव लड़ना है। अगर वो इसे नहीं समझ पा रहे हैं और विरोध कर रहे हैं तो यह कहीं न कहीं कमलनाथ और पार्टी का विरोध है। पार्टी एकजुट है। किसी को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि वह खुद के दम पर विधायक बना है।’