चार दिन पहले हुई नीलामी,लेकिन महीनों से निकाल रहे रेत
उसरौट रेत खदान में नमो पटेल के डंपरों से हो रहा परिवहन
रायगढ़। खनिज विभाग के कारनामे भी अजीब हैं। रेत के अवैध खनन व परिवहन पर गांवों के ट्रैक्टर तो जब्त कर लिए जाते हैं लेकिन रसूखदारों के डंपर देखकर हवा निकल जाती है। हद तो तब हो गई जब खनिज विभाग की सरपरस्ती में ऐसे खदान से कई महीनों से रेत खनन हो रहा है जिसकी नीलामी को एक ही सप्ताह हुआ है।
बात उसरौट रेत घाट की हो रही है। सरकार ने रेतघाटों का निजीकरण कर दिया है। हाल ही में खनिज विभाग ने नगर धरमजयगढ़ खदान 4.990 हे. और उसरौट रेत घाट 2 हे. की नीलामी के लिए आवेदन मंगवाए थे। 16 दिसंबर को इसकी नीलामी हुई है। अभी इस रेतघाट की पर्यावरणीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है। लेकिन उसरौट से नमो पटेल नामक व्यक्ति कई महीनों से रेत खनन करवा रहा है। बिना टीपी, बिना अनुमति के रोज सौ गाडिय़ांं रेत लेकर निकलती हैं। केवल बाहरी इलाके में ही नहीं शहर के बीचोंबीच नमो पटेल लिखे हुए डंपर बेखौफ अवैध रेत का परिवहन कर रहे हैं। ऐसे ही एक हाइवा को रोककर पूछा गया तो ड्राइवर ने बताया कि रेत उसरौट रेतघाट से लाई जा रही है। टारपाली में चल रहे रेल लाइन के काम में रेत का उपयोग किया जा रहा है। रेत माफिया की दबंगई देखिए कि बाकायदा हाइवा में नाम और नंबर लिखवाकर अवैध कारोबार कर रहा है। इस रेत की कोई रॉयल्टी ही जारी नहीं हो सकती क्योंकि खदान विधिवत रूप से शुरू नहीं हो सकी है। उसरौट खदान की नीलामी 16 दिसंबर को हुई है। लेकिन खदान का संचालन कभी बंद ही नहीं हुआ।
क्यों नहीं हो रही कार्रवाई
खनिज विभाग के संरक्षण में ही बिना नीलामी और पर्यावरणीय अनुमति के ही रेतघाटों से रेत निकाली जा रही है। उसरौट खदान के रेत खनन में राज्य शासन को राजस्व की भारी हानि हो रही है। खनिज विभाग की सरपरस्ती में ही उसरैट जैसी कई रेत खदानें चल रही हैं। हाल ही में हुई नीलामी में उसरौट रेतघाट नमो पटेल को ही मिली है।
पुलिस भी नही करती कार्यवाही
उसरौट रेत खदान से अवैध तरीके से डम्फर में रेत का परिवहन किया जा रहा है।जबकि जिस मार्ग से परिवहन हो रहा है उस एरिया में दो थाना और एक चौकी क्षेत्र है उसके बाद भी कोई कार्यवाही नही होती है।इसे साफ जाहिर है कि इस रेत तस्कर को बड़े लोगो का संरक्षण प्राप्त है।खनिज और पुलिस विभाग ट्रैक्टर में रेत परिवहन करने वालो को पकड़कर वाह वाही लूट रहे है।