नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने भारत में मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट प्रतिस्पर्धा संस्थान द्वारा तैयार की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा तक पहुंच, के लिए जरूरी है कि राज्य त्वरित कार्रवाई करें। राजस्थान, गुजरात और बिहार जैसे बड़े राज्यों का प्रदर्शन औसत से काफी नीचे है जबकि उत्तर-पूर्वी राज्यों के स्कोर सबसे अधिक हैं। आर्थिक सलाहकार परिषद ने कहा कि सुशासन के पहलू पर राज्यों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। परिषद ने यह भी कहा कि कुछ राज्य दूसरों राज्यों के लिए कुछ पहलुओं में रोल मॉडल के रूप में काम कर सकते हैं, लेकिन उन्हें भी अपनी चुनौतियों का समाधान करते हुए अन्य राज्यों से सीखने की जरूरत है। यह बात न केवल उच्च प्रदर्शन करने वालों के लिए बल्कि कम अच्छे प्रदर्शन वाले राज्यों के लिए भी लागू है। उदाहरण के लिए, जहां केरल का छोटे राज्यों में सबसे अच्छा प्रदर्शन है, वह आंध्र प्रदेश जैसे कुछ कम स्कोर वाले क्षेत्रों से भी सीख सकता है, जहां शिक्षा तक पहुंच के मामले में प्रदर्शन केरल से बेहतर रहा है। मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता में कौशल का तात्पर्य है पढ़ने, लिखने और गणित से जुडी बुनियादी क्षमता और कौशल। आधारभूत शिक्षा के वर्षों में पिछड़ना, जिसमें प्री स्कूल और प्रारंभिक शिक्षा शामिल है, बच्चों को अधिक असुरक्षित बनाता है क्योंकि यह उनके सीखने के परिणामों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सूचकांक 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों में मूलभूत शिक्षा की समग्र स्थिति की समझ स्थापित करता है। शून्य भूखमरी, अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण तथा शिक्षा तक पहुंच महत्वपूर्ण लक्ष्य हैं जिन्हें इस सूचकांक की मदद से मापा जाता है।