बेसिक पुलिसिंग को कभी नकारना नहीं चाहिए : अमित शाह

नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारतीय पुलिस सेवा के 2020 बैच के 122 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से नई दिल्ली में मुलाक़ात की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह सचिव और सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक भी उपस्थित थे। इस अवसर पर अधिकारियों को अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार सीआरपीसी और आईपीसी में बदलाव करने की दिशा में काम कर रही है और इसके अंतर्गत देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़, नारकोटिक्स और जाली करंसी जैसे कई अपराधों को जघन्य अपराधों की श्रेणी में लाकर इनसे निपटने के लिए कड़े प्रावधान किए जाएंगे। अमित शाह ने कहा कि आप ‘मेरा क्या, मुझे क्या’ की सोच से ऊपर उठकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें, जिससे आप सहजता के साथ किसी भी स्थिति को संभालने में सक्षम हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को समग्रता के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों पर ध्यान देना चाहिए। श्री शाह ने कहा कि राज्यों के अधिकारों में दख़ल दिए बिना और संविधान की भावनाओं का सम्मान करते हुए फ़ेक करंसी, हथियारों की तस्करी, ड्रग्स जैसे अपराधों की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय की आवश्यकता है। श्री शाह ने अधिकारियों से कहा कि आपको बेसिक पुलिसिंग को कभी नकारना नहीं चाहिए। कोरोना काल में देश के पुलिस व सशस्त्र बलों द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों ने उनके प्रति देश की जनता के नज़रिए को काफ़ी बदला है और हमें इसको और आगे ले जाने की जरुरत है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महिला पुलिस अधिकारियों को स्कूलों में जाकर बालिकाओं के साथ नियमित संवाद करना चाहिए जिससे वे भी देश की सेवा में आगे आने के लिए प्रेरित हों। इस बैच में कुल 139 परिवीक्षाधीन अधिकारी हैं जिनमें 17 विदेशी प्रशिक्षु अधिकारी भूटान, मालदीव और नेपाल से हैं। 122 भारतीय परिवीक्षाधीन अधिकारियों में 97 पुरूष अधिकारी जबकि 25 महिला अधिकारी हैं। ये अधिकारी 29 सप्ताह के ज़िला व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए अलग-अलग स्थानों पर जाएंगे।

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