चक्रवात जवाद के मद्देनजर निचले इलाकों से 54,008 लोगों को निकाला गया

नई दिल्ली। कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की दूसरी बैठक की आज नई दिल्ली में अध्यक्षता की, जिसमें चक्रवाती तूफान जवाद से निपटने के लिए राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि चक्रवात के 4 दिसंबर की सुबह तक उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट पर पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद, यह पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ेगा। चक्रवात अपने साथ भारी से बहुत भारी वर्षा लाएगा। ज्वार की लहरों के साथ 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की उम्मीद है। आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके द्वारा की गई प्रारंभिक तैयारियों से एनसीएमसी को अवगत कराया। इस बीच समुद्र से मछुआरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। चक्रवात आश्रयों को तैयार कर लिया गया है और निचले इलाकों से लोगों को निकाला जा रहा है। खाद्यान्न, पेयजल और अन्य आवश्यक आपूर्ति का स्टॉक करने के लिए हर तरह की कार्रवाई की गई है। बिजली, सड़कों, पानी की आपूर्ति और अन्य आवश्यक सेवाओं के रखरखाव और बहाली के लिए टीमों को भी तैनात किया गया है। नुकसान को कम करने के लिए खड़ी फसलों की कटाई भी की जा रही है। एनडीआरएफ ने प्रभावित राज्यों में पर्याप्त संख्या में टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा गया है। सेना और नौसेना के बचाव और राहत दल जहाजों और विमानों के साथ आवश्यकतानुसार तैनाती के लिए तैयार हैं। चक्रवाती तूफान जवाद बंगाल की पश्चिम-मध्य खाड़ी में विशाखापत्तनम से लगभग 230 किमी दक्षिण पूर्व, गोपालपुर से 340 किमी दक्षिण, पुरी से 410 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और पारादीप से 490 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में केंद्रित है। चक्रवात जवाद के मद्देनजर आंध्र प्रदेश के तीन ज़िलों विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम में 11 NDRF, 5 SDRF, 6 तटरक्षक बल, 10 समुद्री पुलिस दल तैनात किए गए हैं। अभी तक इन ज़िलों के निचले इलाकों से 54,008 लोगों को निकाला गया है।

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