10 दिसंबर के कार्यक्रम में इनको दलों को किया गया साइड लाइन…

धार्मिक कार्यक्रम लेने लगा सियासी रंग
कवर्धा।
नगर में हुए झंडा विवाद के बाद अब यहां 108 फ़ीट के भगवा ध्वज को फहराने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। कवर्धा के लोहारा नाका चौक में 10 दिसम्बर को प्रदेश का सबसे ऊंचा 108 फीट का भगवा ध्वज लहराया जाएगा। इसके लिए 5100 महिलाएं राम जानकी मंदिर से कलश यात्रा निकलेंगी जो लोहारा नाका में समाप्त होगी। इस भव्य कार्यक्रम में 13 अखाड़ों के महामण्डलेश्वरों समेत चारों पीठों के शंकराचार्य के प्रतिनिधि ध्वज स्थापना में शामिल होंगे।
ज्ञातव्य है कि कवर्धा विधायक व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर से जब शंकराचार्य जनकल्याण न्यास ने 108 फीट का भगवा ध्वज फहराने की इच्छा जाहिर की तब उन्होंने इसका स्वागत करते हुए कहा था कि हर धर्म का सम्मान है। न्यास ने पहले 100 फ़ीट जमीन की मांग की थी। ध्वज स्थापित करने 100 फ़ीट जगह मंत्री अकबर को पर्याप्त नहीं लगी, और उन्होंने न्यास को 600 फ़ीट जमीन आवंटित करने के निर्दश भी दिए थे, जिसके बाद उन्हें उक्त जमीन भी मिल गई है।
शंकराचार्य जनकल्याण न्यास ने इस कार्यक्रम की पूरी तैयारियां कर ली हैं, सभी हिन्दू संगठनों को इसका निमंत्रण भेजा जा रहा है, लेकिन इस बीच सूत्रों से खबर मिली है कि इस कार्यक्रम में कुछ दलों को साइड लाइन कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद् तथा बजरंग दल को निमंत्रित नहीं किया गया है। शंकरायाचार्य जनकल्याण न्यास के चंद्रप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि समस्त हिन्दू संगठनों को निमंत्रण दिया गया है। जब उनसे विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल के निमंत्रण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि सभी दलों को निमंत्रण भेजा गया है। दोनों दलों के निमंत्रण पर उन्होने गोलमोल बात करते हुए सवाल को टाल दिया।
शंकराचार्य जनकल्याण न्यास का कहना है कि हमने सभी हिंदू संगठनों को कार्यक्रम में न्योता दिया है। लेकिन विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल के पदाधिकारियों का कहना है कि विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों को कवर्धा द्वारा नहीं बुलाया गया है। विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी घनश्याम चौधरी ने कहा कि हां, ये सच है कि विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों को शंकराचार्य जनकल्याण न्यास-कवर्धा ने नहीं बुलाया है। क्यों नहीं बुलाया गया है, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। यही कारण है कि संगठन के पदाधिकारी होने के नाते इस कार्यक्रम में वे शामिल नहीं होंगे और वे इस कार्यक्रम के ठीक 4 दिन पहले 6 दिसंबर को अपना अलग कार्यक्रम करेंगे, जिसमें कुल 27 जगहों पर भगवा फहराने की तैयारी कर रहे है। ज्ञातव्य है कि लोहारा नाका चौक में 108 फीट झंडे लगाने के लिए भूमिपूजन का कार्य जिस व्यक्ति से झंडा विवाद की शुरुआत हुई थी, उसी दुर्गेश देवांगन ने किया था। दुर्गेश देवांगन बजरंग दल से पिछले कुछ वर्षों से जुड़ा है और वे विश्व हिंदू के प्रखंड के संयोजक है। इसके बाद भी इन दोनों दलों को निमंत्रण न देना समझ से परे है। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह कार्यक्रम धार्मिक से राजनैतिक रंग लेने लगा है।

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