मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर चल रहा गिट्टी खदानों का अवैध कारोबार

  • खनिज विभाग का काला कारनामा
  • हर महीने हो रही है करोड़ों रुपए के राजस्व की हानि
  • खनन माफियाओं के दबाव में है खनिज विभाग
  • परिवहन विभाग की मिलीभगत से हो रहा अवैध ट्रांसपोर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ में खनिज का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। रायपुर के मंदिर हसौद क्षेत्र में ही हर महीने करोड़ों रुपए का अवैध कारोबार संचालित हो रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि यह पूरा खेल ऐसी खदानों से हो रहा है जिन्हें खनिज विभाग ने स्वीकृति नहीं दी है। बावजूद इसके खनिज विभाग की नाक के नीचे हो रहे इस काले कारोबार से सरकारी अमला अनभिज्ञ है।

मंदिर हसौद क्षेत्र में श्री ठाकुर रामचंद्र स्वामी नागरीदास मंदिर ट्रस्ट की करीब 62 एकड़ जमीन है। मठ की इस भूमि का खसरा नम्बर 706/1, 706/2 और 699 है। इस ट्रस्ट का गठन 1986 में हुआ था। वर्ष 2006-07 में रायपुर जिला प्रशासन द्वारा यहां 9 गिट्टी खदान क्रशर यूनिट संचालकों को लीज दी गई थी। कुछ वर्ष बाद लीज को रद्द कर दिया गया और अब तक यहां किसी भी क्रशर संचालक को लीज नहीं दी गई है। इसके बावजूद इस इलाके में करीब 35 एकड़ ट्रस्ट की जमीन पर खनन माफियाओं का कब्जा है और वे धड़ल्ले से अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहे हैं। अब तक खनिज माफिया दस हजार करोड़ रुपये से अधिक का परिवहन कर चुके हैं। रायपुर के खनिज अधिकारी भी बताते हैं कि फिलहाल यहां ट्रस्ट की जमीन पर किसी भी खदान को अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन इस अवैध कारोबार का पर्दाफाश करने के लिए खनिज और परिवहन विभाग ने अब तक कोई पहल नहीं की है।

खबर मिली है कि ट्रस्ट की जमीन पर अवैध रूप से कारोबार कर रहे गिट्टी खदान संचालकों को कई बड़ी हस्तियों का संरक्षण प्राप्त है। अरबों रुपए के इस खेल में कई नामी-गिरामी लोगों के नाम भी सामने आए हैं। मजेदार बात यह है कि प्रशासन ने जब पहली बार ट्रस्ट की जमीन पर खदानों के संचालन की लीज दी थी उस समय ट्रस्ट भंग था और वर्तमान में भी यह ट्रस्ट भंग है। प्रशासन के सूत्र बताते हैं कि इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर को भ्रम में रखकर दो नोट शीट चलाई गई थी और बिना कोरम पूरा किए हैं 9 लोगों को लीज दे दी गई थी। खदानों को लीज पर देने के बाद भी उसका किराया मंदिर ट्रस्ट को कभी नहीं दिया गया। गौरतलब है कि जिला प्रशासन को किसी भी ट्रस्ट की जमीन को बिना उसकी इजाजत के गैर कृषि कार्य के लिए देने का अधिकार नहीं है और वह भी ऐसे में जब ट्रस्ट भंग हो।

ट्रस्ट की जमीन पर अवैध उत्खनन को लेकर कई बार प्रशासन से कार्यवाही करने की मांग की गई थी। लेकिन कभी भी जिला प्रशासन अथवा खनिज विभाग ने इस दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। यही वजह है कि करोड़ों रुपए का यह अवैध कारोबार लगातार फल फूल रहा है। मठ की जमीन जहां पर आज भी अवैध खनन जारी है वहां 200 फीट से ज्यादा गहरे अनेक गड्ढे हो गए हैं। नया रायपुर के नजदीक हो रहे इस अवैध उत्खनन और परिवहन को लेकर अधिकारी मौन हैं और कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति ही होती रही है जिससे खनिज माफियाओं को विभाग का खुला संरक्षण मिल रहा है।

– रायपुर से संजय दुबे की रिपोर्ट –

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