कैलीफोर्निया। फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने अब फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर दिया है। कंपनी ने मंगलवार को इसकी जानकारी है। फेसबुक ने कहा कि वह इस बदलाव के चलते 1 अरब से अधिक लोगों के फेस रिकग्निशन टेम्पलेट को हटाएगा। कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि फेसबुक के रोजाना सक्रिय यूजर्स में से एक तिहाई से अधिक या 600 मिलियन से अधिक अकाउंट ने फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का विकल्प चुना।
फेसबुक की नयी पैरेंट (होल्डिंग) कंपनी ‘मेटा’ में कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभाग के उप प्रमुख जेरोम पेसेंटी द्वारा मंगलवार को पोस्ट किए गए ब्लॉग के अनुसार, ‘प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरा पहचानने के उपयोग की दिशा में यह कदम सबसे बड़ा बदलाव होगा। हम फेसबुक पर फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद कर रहे हैं। जिन लोगों ने इसका चुनाव किया है उनकी अब फ़ोटो और वीडियो में ऑटोमेटिकली रिकॉग्नाइज नहीं किए जाएंगे और हम एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत फेशियल रिकग्निश टेम्प्लेट को हटा देंगे।’
हालांकि इस कदम से ऑटोमेटिक ऑल्ट टेक्स्ट टेक्नोलॉजी प्रभावित होगी, जिसका उपयोग कंपनी नेत्रहीन या नेत्रहीन लोगों के लिए फोटो का पहचानने के लिए करती है। फेस रिकग्निशन सिस्टम को फेसबुक से आने वाले हफ्तों में हटा दिया जाएगा। फेसबुक ने कहा, “समाज में फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को लेकर कई चिंताएं हैं, और नियामक अभी भी इसके उपयोग को नियंत्रित करने वाले नियमों का एक क्लियर सेट प्रदान करने की प्रक्रिया में हैं। इस चल रही अनिश्चितता के बीच, हम मानते हैं कि रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल के मामलों के एक नैरो सेट तक सीमित करना उचित है।” फेस रिकग्निशन सिस्टम के उपयोग को समाप्त करना इस तरह की व्यापक पहचान से दूर एक कंपनी के हित में कदम का हिस्सा है।
अभी हाल ही में फेसबुक ने कंपनी की नाम बदलकर मेटा रख दिया। फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि भविष्य के लिए डिजिटल रूप से हो रहे बदलाव को शामिल करने के प्रयास के तहत उनकी कंपनी को अब नये नाम ‘मेटा’ के तौर पर जाना जाएगा। जुकरबर्ग इसे ‘‘मेटावर्स’’ कहते हैं। हालांकि आलोचक कहते हैं कि यह फेसबुक पेपर्स से दस्तावेज लीक होने से उत्पन्न विवाद से ध्यान भटकाने का एक प्रयास हो सकता है।